पीएम किसान एफपीओ योजना 2020 डिटेल्स – PM Kisan FPO Scheme 2020 details
योजना का नाम | पीएम किसान एफपीओ योजना 2020 |
किसके द्वारा शुरू की गयी | केंद्र सरकार द्वारा |
लाभार्थी | देश के किसान उत्पादक संगठन |
उद्देश्य | आर्थिक सहायता प्रदान करना |
किसान समूहों को कितनी धनराशि की सहायता मिलेगी –
किसानों को 15-15 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह ऐसा समूह है, जो किसानों के हितों के लिए काम करता है। उन्हें आगे बढ़ाने में योगदान देता है। सरकार इन्हीं समूहों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इससे फायदा यह है कि देश के किसान समूहों को उसी प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे, जो किसी कंपनी को मिलते हैं।
अभी तक किसान सहकार समूहों का चलन था और उन पर सहकारिता अधिनियम यानी कि को-ऑपरेटिव एक्ट लागू होता था। लेकिन किसान उत्पादक संगठनों पर कंपनी की तर्ज पर स्थापित और संचालित किए जाने की वजह से कंपनी एक्ट लागू होगा। इन ऑपरेटिव एक्ट लागू नहीं होगा। यानी कि यह संगठन इस एक्ट के दायरे से बाहर होंगे।
यह लाभ लेने के लिए कम से कम 11 किसानों को संगठित होकर अपनी खेती से जुड़ी कंपनी या संगठन बनाना होगा।
किसानों को भूमिहीन होने की वजह से जो दिक्कतें सामने आती हैं, या खेती की वजह से जो समस्या आती हैं, वह किसान एफपीओ में जुड़ने के बाद सामने नहीं आएंगी। उनको उनके कार्य का इच्छित प्रतिफल मिलेगा। समूह में खेती करने से यह पहले भी देखने में आया है कि खेती की लागत में कमी आ जाती है। ऐसे में यह लाभ का ही मॉडल साबित होगा, ऐसी संभावना जताई जा रही है।
देश में 10 हजार नए एफपीओ यानी किसान उत्पाद समूह बनाए जाने की योजना है। यह हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि यह कंपनी की तरह काम करेंगे। इन्हें कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर किया जाएगा। यह समूह एक कंपनी की तरह काम करेंगे। इनके संचालन के नियम भी कंपनी एक्ट से ही तय होंगे। एक बोर्ड होगो, जो इन समूहों का संचालन करेगा। इस योजना के तहत लाभ लेने वाले की इच्छा रखने वाले संगठनों का काम नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज देखेगी। वही उनके काम के आधार पर उनकी रैंकिंग भी करेगी। यह एक महत्वपूर्ण कार्य होगा। रेटिंग के साथ ही कुछ अन्य शर्तों के आधार पर समूहों को कंपनी की शक्ल दी जाएगी और उन्हें किसानों की उत्पादकता में बढ़ावा देने और उन्हें आगे बढ़ाने का जिम्मा सौंपा जाएगा।
किसान उत्पादक समूहों को जो 15 लाख रुपये दिए जाने की योजना बनाई गई है, यह धनराशि उन्हें कोई एक महीने या साल में प्रदान नहीं की जाएगी। इसके लिए कुछ चरतिय किए गए हैं।
मैदानी क्षेत्र और पहाड़ी क्षेत्र में काम कर रहे संगठनों के लिए अलग अलग प्रावधान तय किए गए हैं। यदि संगठन मैदानी क्षेत्र में काम करता है तो शर्त यह है कि उसके साथ कम से कम 300 किसान जुड़े होने चाहिए। यदि किसान संगठन पहाड़ी क्षेत्र में काम करता है तो उसके साथ कम से कम 100 किसान जुड़े होने चाहिए। जो इस शर्त को पूरा करेंगे, केवल वही किसान इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
पीएम किसान एफपीओ योजना का लाभ उठाने के लिए भी किसानों को अन्य तमाम सरकारी योजनाओं की तरह आवेदन करना होगा। ऑनलाइन आवेदन के लिए सरकार की ओर से अभी कोई जीओ यानी अधिसूचना जारी नहीं की गई है। जैसे ही इसके लिए अधिसूचना जारी होगी और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी, वैसे ही हम आपको आवेदन प्रक्रिया के संबंध में अवगत कराएंगे।
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