Skip to main content

बिहार एलपीसी प्रमाणपत्र क्या है? LPC कैसे बनवाएं? भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र कैसे बनवायें?

 बिहार में खेती, किसानी की हालत कोई बहुत अच्छी नहीं है। इसके अलावा जमीनों से जुड़े कागजात को लेकर भी कोई अधिक जागरुकता नहीं। ऐसे में जमीन या प्लाट खरीदते समय धोखाधड़ी भी बहुत होती है। शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में इसी \ प्रकार बुरा हाल है। लोगों के पास जमीन तो है, लेकिन भू स्वामित्व प्रमाण पत्र यानी LPC नहीं। जबकि जमीन को बेचने या उस पर लोन लेने की बात आती है तो एलपीसी (LPC) की आवश्यकता होती है। आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताएंगे  कि LPC क्या होता है? इसकी आवश्यकता क्यों पड़ती है? बिहार में इसे बनवाने की आनलाइन और आफ लाइन प्रक्रिया क्या है? आदि। आइए, शुरू करते हैं-

एलपीसी (LPC) क्या है?

दोस्तों, आइए सबसे पहले आपको बता दें कि LPC क्या है? LPC की फुल फॉर्म land possession certificate है। इसे हिंदी में भू -स्वामित्व प्रमाण-पत्र भी कहा जाता है। दोस्तों, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, LPC एक ऐसा दस्तावेज है, जो यह दर्शात्ता है कि आपके नाम पर कितनी जमीन है, या आपका कितना हिस्सा सरकार के पास रजिस्टर्ड। दूसरे शब्दों में कहें तो यह राज्य सरकार की ओर से जमीन के मालिक को जारी एक दस्तावेज है। यही भूमि के स्वामित्व का सबूत है

आपको यह भी बता दें कि 28 अगस्त, 2020 से LPC के ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू हो चुकी है। बिहार में लोग अब इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। आनलाइन होने की वजह से लोगों को इसके लिए अधिकारियों के चक्कर काटने की बाध्यता खत्म हो गई है।

बिहार एलपीसी प्रमाणपत्र डिटेल्स –

नामLPC ऑनलाइन अप्लाई बिहार
विभागराजस्व एवं भूमि सुधर विभाग बिहार
लाभार्थीबिहार राज्य के सभी लोग
ऑफिसियल वेबसाइटhttp://biharbhumi.bihar.gov.in
हेल्पलाइन नंबर18003456215

LPC के लाभ या आवश्यकता –

दोस्तों, आइए अब आपको बताते हैं कि LPC की आवश्यकता क्यों पड़ती है। दरअसल, ऐसे अनेक मामले हैं, जहां इसके बगैर काम नहीं चलता। जैसे-

  • जमीन पर बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए।
  • भू-अर्जन के मामलों में जमीन पर अपना दावा प्रस्तुत करने में।
  • न्यायिक मामलों में भूमि धारण का प्रमाण स्वरूप प्रस्तुत करने में।
  • अचल संपत्ति दर्शाने में।
  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) प्राप्त करने में आदि में।

एलपीसी बनवाने के लिए आवश्यक शर्तें –

एलपीसी बनवाने की कुछ आवश्यक शर्तें हैं। कुछ दस्तावेज आपको संलग्न करने होते हैं। एक नजर में देखें तो इसके लिए जरूरी है-

  • डिजिटल रजिस्टर 2 में नाम का होना। यह दाखिल खारिज यानी म्यूटेशन (mutation) के बाद होगा।
  • वर्तमान साल की जमीन का टैक्स जमा होना।
  • आवेदक का मोबाइल नंबर।
  • स्व-घोषणा पत्र (Affidavit)।
  • आवेदक का आधार कार्ड।
  • आवेदक का निवास प्रमाण पत्र और फोटोग्राफ।

दोस्तों, आपको बता दें कि LPC बनवाने के लिए आवेदन फार्म में मांगे गए सभी दस्तावेज आपको अपलोड करने होंगे। ऐसा न होने पर प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकेगी और आपका LPC नहीं बन सकेगा।

LPC दाखिल खारिज के बगैर नहीं होता –

साथियों, आपको बता दें कि जमीन की रजिस्ट्री आपके नाम होने के बाद सरकारी रिकॉर्ड्स में प्रॉपर्टी का म्यूटेशन कराना बहुत जरूरी है। म्युटेशन यानी दाखिल ख़ारिज राजस्व रिकॉर्ड में एक व्यक्ति से किसी संपत्ति का ट्रांसफर या नामांतरण दूसरे व्यक्ति के नाम पे करने की प्रक्रिया को कहा जाता है। प्रॉपर्टी के म्यूटेशन (mutation) के बाद ही कोई भी व्यक्ति कानूनी रूप से अपनी जमीन का मालिक बन पाता है।

म्यूटेशन के बाद ही रजिस्टर 2 में नाम आएगा –

आपको यह भी बता दें साथियों कि आपकी जमीन का दाखिल ख़ारिज हो जाने के बाद रजिस्टर 2 में नाम आ जायेगा। यदि आप ऑनलाइन भू-स्वामी प्रमाणपत्र बनवाना चाहते हैं तो इसके लिये आप ऑनलाइन ही लगान (Tax) जमा करें। यह डिजिटल जमाबंदी रजिस्टर में दिखने लगेगा। यदि आपने ऑफलाइन यह कार्य करते हैं तो सीओ ऑफिस के ऑपरेटर को टैक्स डिजिटल जमाबंदी रजिस्टर पर अपडेट करने के लिए request करनी होगी। दाखिल ख़ारिज के लिए आवेदन करने के बाद उसी जगह से आप LPC के लिए भी आवेदन कर सकतें है।

यह है म्यूटेशन की प्रक्रिया –

मित्रों, यदि आप कोई जमीन या प्लाट लेने जा रहें है तो सबसे पहले जमीन का ब्योरा हासिल करें। आजकल संबंधित जमीन का रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध हो जाता है। आपको बस संबंधित वेबसाइट पर जाकर पूछी गई जानकारी भरनी होगी। अब हम आपको म्यूटेशन की आनलाइन प्रक्रिया की जानकारी देते हैं। यह इस प्रकार है-

  • सबसे पहले http://biharbhumi.bihar.gov.in/ वेबसाइट के लिंक पर जाएं। होम पेज खुल जाने के बाद ‘डिस्ट्रिक्ट’ और ‘सर्किल’ चुनें।

  • इसके बाद “Apply new mutation” पर क्लिक करे। इसके बाद खुलने वाले पेज पर आपको ‘Mutation initiation type’ के सामने ‘On Application’ पर click करना है।

  • आगे इसके पश्चात मांगी गई सारी जानकारी जैसे ‘Documents Details’, ‘Buyer Details’, ‘Seller Details’ और ‘Plot Details’ आदि सभी सही सही भरें। यह जानकारी आपको sell deed से मिल जाएगी।



  • इतना करने के बाद ‘Save as Draft & Next’ के option पर click करें। इसके पश्चात अगले पेज पर ‘Upload Document’ के विकल्प पर क्लिक करें। Sell deed की स्कैन की हुई Pdf फाइल अपलोड करके ‘Save’ पर क्लिक करे। इसके बाद आपको ‘receipt’ मिलेगी, जिसे save और प्रिंट करके अपने पास आवेदन पर्ची के साथ ऑफिस को संपर्क करें।
  • इसके बाद आपको ओरिजिनल सेल डीड की कॉपी को सर्किल ऑफिसर के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा जाएगा। इसके कुछ समय बाद राजस्व कर्मचारी आपको ‘जमाबंदी नंबर’, Revenue receipt के साथ दे देगा।

यह है एलपीसी (LPC) बनवाने की आनलाइन प्रक्रिया

आपको बता दें कि जमीन का दाखिल ख़ारिज करने के बाद आप उसी लॉगिन ID और Password का इस्तेमाल करते हुए login करें। यदि आपने पहले जमीन का ऑनलाइन दाखिल ख़ारिज नही किया है तो आपको नये लॉगिन ID और Password बनाने की जरुरत होगी।

  • आपको बता दें कि login करने के बाद आपको अपना DISTRICT AND BLOCK सेलेक्ट करना है, सेलेक्ट करने के बाद ‘Apply For New Lpc’ पर क्लिक करना होगा।
  • फार्म में खाता, खसरा और रेयत के नाम से सर्च कर अपनी जमीन सेलेक्ट करें। इसके बाद ‘Upload Affidavit’ के विकल्प पर क्लिक कर स्व-घोषणा पत्र अपलोड करें।
  • इसके दौरान आपसे LPC का उद्देश्य यानी Purpose of LPC भी पूछा जाएगा। आपको बताना होगा कि आप इसे क्यों बनवाना चाहते हैं।
  • सारी जानकारी देने और दस्तावेज अपलोड करने के बाद ‘Captcha code’ डाल कर ‘Submit’ पर click कर दें। इसके बाद आपका आवेदन CO के पास जमा हो जाएगा।
  • इसके बनने के बाद आपके लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर sms से सूचना मिल जाएगी। इसके बाद आप LPC को डाउनलोड कर सकेंगे।

LPC बनवाने की आफलाइन प्रक्रिया –

दोस्तों, अभी हमने आपको LPC बनवाने की online प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। यदि online प्रक्रिया में कोई दिक्कत है और आप LPC आनलाइन के स्थान पर आफलाइन हासिल करना चाहते हैं तो उसकी भी एक निर्धारित प्रक्रिया है, जो इस प्रकार है-

  • सबसे पहले आपको संबंधित ब्लॉक ऑफिस से LPC एप्लीकेशन फॉर्म लेना होगा। इस फार्म में पूछी गई सभी जानकारी सही सही भरें।
  • इसके बाद इस LPC एप्लीकेशन फॉर्म के साथ इसके लिए आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें, जैसे- चालू वर्ष की भूमि रसीद की फोटोकॉपी, आवेदक के आधार कार्ड की फोटोकॉपी।, प्राधिकार पत्र या एफिडेविट। (यह आवश्यक है यदि भूमि के मालिक के अलावा कोई अन्य LPC के लिए आवेदन कर रहा हो।)
  • इसके बाद संबंधित ब्लॉक ऑफिस के आरटीपीएस (RTPS) काउंटर पर सभी दस्तावेज जमा करें और पावती रसीद (receipt) लें।
  • इस रसीद में आवेदन संख्या होती है। इसके जरिए आप अपने आवेदन का स्टेटस जान सकते है।
  • आपका LPC सर्टिफिकेट बनने के बाद इसे रिसीव करने के लिए एक संदेश आपके आपके मोबाइल पर आ जाएगा।

निर्धारित अवधि में सेवा न मिलने पर अपील करें

दोस्तों, LPC , बनवाने के लिए एक निश्चित अवधि निर्धारित की गई है। यदि आपको निर्धारित समय सीमा के भीतर यह सेवा नहीं प्राप्त होती तो आप उप समाहर्ता भूमि सुधार यानी deputy commissioner land reform (DCLR) के समक्ष 30 दिन के भीतर अपील दायर कर सकते हैं। हालांकि सभी को यह जानकारी नहीं होती। ऐसे में लोगों को एक से दूसरे दरवाजे के चक्कर काटते हुए आसानी से देखा जा सकता है।

एलपीसी न होना बिहार में कई अपराधों की जड़ –

साथियों, आपको बता दें कि एलपीसी (LPC) यानी भू स्वामित्व प्रमाण पत्र का ना होना बहुत सारे अपराधों की जड़ भी है। जरूरत के वक्त जमीन होने के बावजूद एलपीसी ना होने की वजह से ग्रामीण उस पर लोन नहीं ले पाते और गांवों के सूदखोर महाजनों के चंगुल में फंसे रहते हैं। जो दिन दूने रात चौगुने बढ़ने वाला ब्याज वसूल वसूल कर उनका खून चूस लेते हैं। इसी प्रकार कई मामलों में यह भी होता है कि जिस ग्रामीण की जमीन होती है, उसे यह तक नहीं पता होता कि उसकी जमीन कहां तक है।

इससे दबंगों द्वारा या रिश्तेदारों के द्वारा उसकी जमीन पर कब्जा करने के आसार हमेशा बने रहते हैं। कई दफा ऐसे मामलों में सिर फुटौव्वल की भी नौबत आती है। आपको बता दें कि भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में कचहरी जाने वाले मामलों में 90% मामले जमीन पर कब्जे से ही जुड़े होते हैं। आपको बता दें कि स्थिति देखते हुए केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से भूमि के सीमांकन और भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र जारी करने की योजना शुरू की है।



Comments

Popular posts from this blog

UIDAI Aadhaar Services – How To Generate Virtual ID Number at uidai.gov.in

 The Unique Identification Authority of India (UIDAI) has introduced a valuable offering known as the 16-digit Virtual Identity (VID) Number for all residents. With this development, individuals will no longer be required to divulge their 12-digit Biometric Identification Number or Aadhaar Number in various situations. Instead, they can easily generate or retrieve their VID through the UIDAI Portal and utilize it for any necessary purposes. The Virtual ID will serve as a replacement for the Aadhaar Number in processes involving authentication and Know Your Customer (KYC) requirements. This innovative UIDAI Aadhaar Service is designed to enhance the privacy and security of the Aadhaar Database, providing individuals with added confidence in their personal information. The 16-digit Virtual ID serves as a protective barrier within the Aadhaar Database, addressing the privacy apprehensions of the populace. Individuals can employ this Aadhaar Service for activities such as acquiring a new S

ई-बुक क्या है? eBook कैसे लिखे और बनाये? Information About eBook In Hindi

  eBook क्या होता है? What is an eBook? दोस्तों जैसे की नाम से ही पता चलता है। कि ये एक बुक होती है। लेकिन ये कैसी बुक होती है। eBook का पूरा नाम  electric book होता है। आप इसे pdf भी कह सकते है। इस तरह की book एक इलेक्ट्रोनिक book होती है , जिसे केवल आप मोबाइल या कंप्यूटर पर ही पढ़ सकते है। ई-बुक की कोई print कॉपी नहीं होती है। लेकिन यदि आप चाहे तो ऐसे प्रिंट भी कर सकते है।  जिस तरह बुक का कोई न कोई लेखक और owner होता है। उसी तरह ई-बुक का भी कोई लेखक और कोई न कोई owner होता है। ईबुक बिलकुल बुक की तरह ही होती है। यहां पर मैं आपको बता दूं कुछ लोग पीडीऍफ़ और ई-बुक में भ्रमित रहते है। वो समझते है कि ई-बुक और पीडीऍफ़ अलग अलग होती है। लेकिन ये सच नहीं है। पीडीऍफ़ और ई-बुक दोनों एक ही चीज़ होती है  computer और मोबाइल का use दिन पर दिन बढ़ रहा है। जिससे eBook की भी डिमांड बढ़ती जा रही है। इस्ससे आपको ये फायदा है कि आपको भरी भरकम किताब धोना नहीं पड़ता है। और न ही उनकी सुरक्षा ही करनी होती है। और आप जब चाहे जहा चाहे वहां पर eBook रीड कर सकते है। ई-बुक क्या है? eBook कैसे लिखे और बनाये? Information Abou

BPAS Portal Karnataka – Online Land and Building Plan Approval System (LBPAS)

 Online BPAS Portal Karnataka is now functional at onlinebpas.in/KA/Index.aspx. For the first time in India, Karnataka govt. has taken a new step towards Online Land and Building Plan Approval System (LBPAS). Karnataka govt. has achieved a new milestone by launching a hassle free land and building plan approval system i.e BPAS Karnataka. Now people will be able to get online building plan approval, online layout approval and online change of land use approval with LBPAS system. With the introduction of LBPAS, Urban Development Department of Karnataka has initiated a transparent procedure in the approval of land and building plan. Online BPAS Portal Karnataka will ensure faster and hassle free service to the citizens of the state. The auto plan BPAS Karnataka portal for LBPAS will reduce delay as there is no human intervention and will build confidence along with ensuring transparency. Karnataka Online Land & Building Plan Approval System (LBPAS) Features Here are the important feat