हस्तरेखा ज्ञान को हस्तरेखा शास्त्र या काइरमैन्सी भी पुकारा जाता है। यह यूनानी शब्द चेइर cheir यानी हाथ और मंटिया manteia यानी अनुमान से बना है। इससे स्पष्ट है कि यह हथेली को पढ़कर लक्षण का वर्णन और भविष्य बताने की कला है। इसीलिए इसे जिसे हस्तरेखा अध्ययन या हस्तरेखा शास्त्र या हस्तरेखा ज्ञान भी कहा जाता है। जो लोग हस्तरेखा पढ़ते हैं, उन्हें आम तौर पर हस्तरेखाविद्, हथेली पढ़ने वाला, हाथ पढ़ने वाला, हस्तरेखा विशेषज्ञ, हस्तरेखा विश्लेषक या हस्तरेखा शास्त्री भी कहा जाता है। भविष्य अनिश्चितता से भरा होता है यही वजह है कि लोगों में अपना भविष्य जानने की बहुत उत्कंठा भी होती है। किसी का कारोबार अच्छा नहीं चल रहा या कोई पढ़ाई में अच्छा नहीं कर पा रहा, हर कोई अपनी हस्तरेखा से अपने आने वाले कल के बारे में जानने का तलबगार होता है। ज्योतिष शास्त्र में हस्तरेखा का क्या महत्व है? साथियों, जान लीजिए कि ज्योतिष शास्त्र में हस्तरेखा का बहुत बड़ा महत्व है। माना जाता है कि हस्तरेखाओं की सहायता से किसी व्यक्ति के भविष्य का अनुमान लगाया जा सकता है। ज्योतिष के जानकार किसी व्यक्ति के हाथ के आकार, हथेली की
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