दीनदयाल अंत्योदय योजना देश के गरीब नागरिकों के लिए है। इसके लाभार्थियों में शहरी और गांव दोनों के ही गरीब शामिल किए गए हैं। केंद्र सरकार का लक्ष्य इस योजना के माध्यम से शहरों और गांवों के गरीब लोगों की गरीबी दूर करने पर आधारित है। दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए गरीबों के सामुदायिक संस्थानों के माध्यम से गांवों में गरीबी खत्म करने तथा आजीविकास के विभिन्न स्रोतों को बढ़ावा देने का कार्य निहित है। 2024-25 तक 10-12 करोड़ परिवारों को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सुविधा देना भी इसका लक्ष्य है। यह भी प्रधानमंत्री रोजगार योजना जैसी ही योजना है। जो स्किल डेवलपमेंट के साथ ही रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने की बात करती है। दीनदयाल अंत्योदय योजना का बदले रूप में शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को किया था। यह योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का एकीकरण है। सरकार ने इसके लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन यानी NRLM के तहत स्वप्रबंधित स्वयं सहायता समूहों के जरिये हमारे दे
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