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कृषोन्नति योजना 2020 | Krishonnati Yojana for Farmers [Green Revolution] Hindi हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना : किसानों को एक साथ मिलेगा 11 योजनाओं का लाभ

क्या है छतरी योजना- छतरी योजना यानि हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना में किसानों की आमदनी बढ़ाने वाली 11 योजनाओं का समावेश किया गया है। इससे पहले ये सभी योजनाएं सरकार द्वारा स्वतंत्र रूप से चलाई जाती थी, लेकिन वर्ष 2017-18 में, इन सभी योजनाओं को क्लब करने का फैसला लिया गया। इसके बाद से ये सभी योजनाएं  छतरी योजना- ‘हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना’ के नाम से जाती हैं।

 मोदी सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना यानि छतरी योजना को 2020 तक के लिए लागू कर दिया है। अब इस योजना का लाभ किसान वर्ष 2020 तक उठा पाएंगे। सरकार का मानना है कि यह योजना किसानों की आमदनी बढ़ाने में मददगार साबित होगी। छतरी योजना यानी ‘अम्ब्रेला स्कीम’ ‘हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना’  के अंदर 11 योजनाओं को शामिल किया गया है और ये सभी योजनाएं किसानों के विकास और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी करने वाली योजनाएं है। इन 11 योजनाओं को जारी रखने के लिए सरकार को तीन वित्तीय वर्षों के लिए 33,26 9.9 76 करोड़ का बजट रखा है, जो वर्ष 2017-18 से लेकर वर्ष 2019-20 तक के लिए होगा। 

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम), तेल बीज और तेल पाम राष्ट्रीय मिशन (एनएमओयूपी) - इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य देश में चावल, गेहूं, दाल, अनाज और अन्य तरह की फसलों के उत्पादन को बढ़ाना है। इसके लिए सरकार उपयुक्त तरीके से क्षेत्र का विस्तार और उत्पादकता वृद्धि करेगी। इसके अलावा सरकार इस योजना की मदद से देश में तेल के बीजों की खेती में वृद्धि करना चाहती है ताकि हमारे देश को अन्य देशों से तेल का आयात नहीं करवाना पड़े। इस योजना के लिए सरकार द्वारा 6893.38 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।

बागवानी के एकीकृत विकास का मिशन (एमआईडीएच)- बागवानी क्षेत्र से जुड़ी इस योजना का लक्ष्य किसान को बागबानी क्षेत्र से जोडऩा कर उसकी आय में बढ़ोतरी करना है। इसके अंतर्गत किसानों को बागबानी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सहायता दी जाती है जिससे बागबानी क्षेत्र का विकास होने के साथ ही उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके। इस योजना के लिए सरकार कुल बजट 33,26 9.9 76 करोड़ रुपए में से इस योजना पर 7533.04 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

 बीज और रोपण सामग्री के लिए उप - मिशन (एसएमएसपी)- इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य सर्टिफाइड और क्वालिटी सीड के उत्पाद को देश में बढ़ाना देना और खेती करने के लिए बचाए गए बीजों की क्वालिटी को अपग्रेड करना है। इसके अलावा बीज उत्पादन, प्रोसेसिंग, परीक्षण जैसी चीजों से जुड़ी नई प्रौद्योगिकीयों और पद्धतियों को बढ़ावा देना, बीज उत्पादन, भंडारण, सर्टिफिकेशन और क्वालिटी आदि के लिए बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर को और सही करना आदि सरकार के ये लक्ष्य इस योजना में शामिल है। इस योजना के लिए सरकार ने 920.6 करोड़ रुपए का बजट तय किया है।

पौध संरक्षण और पौधों के अलगाव पर उपमिशन (एसएमपीपीक्यू)- इस योजना की मदद से सरकार फसलों पर कीड़े और अन्य कीटाणु लग जाने से होने वाले नुकसानों को कम करना चाहती है और इन कीड़े और अनचाहे पौधों, की वजह से फसलों की गुणवत्ता को भी होने वाले नुकसान को खत्म करना चाहती है ताकि फसलों की पैदावार अधिक हो सके। इस योजना का अगला लक्ष्य पौधों की सुरक्षा रणनीतियों के संबंध में विशेष रूप से अच्छे कृषि तकनीक को बढ़ावा देना है। ताकि किसान अपनी फसल को कीड़ों से बचा सके। इस योजना की मदद से सरकार वैश्विक बाजारों में भारतीय कृषि वस्तुओं के निर्यात को सुविधाजनक बनाना चाहती है ताकि कृषि वस्तुओं का आसानी से निर्यात किया जा सके। इस योजना के लिए सरकार ने 1022.67 करोड़ रुपए का बजट तय किया है।

कृषि गणना, अर्थव्यवस्थाएं तथा सांख्यिकी पर एकीकृत योजना (आईएसएसीईएस)- इस योजना के तहत सरकार का उद्देश्य कृषि जनगणना और प्रमुख फसलों की खेती की लागत का अध्ययन करना है और देश की कृषि-आर्थिक समस्याओं पर शोध, फसल को बोने से लेकर उनको काटने तक की पदानुक्रमित सूचना प्रणाली और कृषि स्टेटिस्टिक्स कार्यप्रणाली में सुधार करना है। यहां हम बता दें कि इस योजना के तहत अर्थशास्त्री, कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा किए जाने वाले सम्मेलनों, सेमिनार, और कार्यशालाओं के आयोजन के लिए फंड भी दिया जाता है। इस योजना के लिए सरकार ने 730.58 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है।

कृषि सहयोग के लिए एकीकृत योजना (आईएसएसी)- इस योजना का लक्ष्य वित्तीय सहायता की मदद से कोऑपरेटिव की आर्थिक परिस्थितियों में सुधार लाने के साथ ही कृषि विपणन, प्रसंस्करण, भंडारण, कम्प्यूटरीकरण में सहकारी विकास में तेजी लाना है। इसके अलावा इस योजजना का उद्देश्य कपास किसानों को उनके कपास के लिए सही मूल्य दिलवाना और डेंटरलिजेंड वीवर्स को भी सही मूल्यों पर गुणवत्तापूर्ण रूई की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने 1902.636 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है।

 

कृषि मशीनीकरण के लिए उप मिशन (एसएमएएम)- इस योजना के तहत सरकार का उद्देश्य छोटे और मार्जिनल किसानों तक फार्म मशीनीकरण को पहुंचाना है ताकि इसके इस्तेमाल से कृषि कार्यकर्ता प्रोडक्टिविटी को बढ़ाया जा सके। इसके अलावा फार्म मशीनीकरण को उन क्षेत्रों तक भी पहुंचाना है जहां कृषि शक्ति की उपलब्धता कम है। इस योजना से सरकार व्यक्तिगत स्वामित्व की उच्च लागत में कमी लाने के लिए कस्टम भर्ती केंद्रों का प्रचार और हाई-टेक और उच्च मूल्य वाले कृषि उपकरणों के लिए केंद्रों का निर्माण करेगी और स्टेकहोल्डर्स के बीच अवेयरनेस पैदा करने के लिए विभिन्न नामित परीक्षण केंद्रों पर प्रदर्शन, परीक्षण और सर्टिफिकेशन सुनिश्चित करेगी। इसके लिए सरकार ने 3250 करोड़ रुपए का बजट तय किया हुआ है।

 स्थिर कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमएसए) - कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन का लक्ष्य उपयुक्त मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन, संसाधन संरक्षण प्रौद्योगिकी और टिकाऊ कृषि तकनीक की मदद से स्थिर कृषि को बढ़ावा देना है। इस योजना के लिए सरकार ने 3980.82 करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है।

कृषि विपणन पर एकीकृत योजना (आईएसएएम )- इस योजना का लक्ष्य एग्रीकल्चरल मार्केटिंग के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है और एग्रीकल्चरल मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में इनोवेटिव और नई प्रौद्योगिकी और विकल्पों को बढ़ावा देना है। इसके अलवा ग्रेडिंग, स्टैंडर्डज़ेशन और कृषि उपज के गुणवत्ता प्रमाणन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा प्रदान करवाना है। इस योजना का अगला लक्ष्य मार्केटिंग सूचना नेटवर्क को स्थायित्व प्रदान करना और बाजार को एकीकृत करने के लिए ऑनलाइन बाजार को बढ़ावा देना है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने 3863.93 करोड़ रुपए का बजट रखा है।

राष्ट्रीय ई - गवर्नेंस (एनईजीपी-ए)- इस योजना का लक्ष्य कई तरह के कार्यक्रमों के अंतर्गत किसानों के लिए केंद्रीयता और सेवा अभिविन्यास को लाना है। इसके तहत विस्तार सेवाओं की पहुंच और प्रभाव, किसानों की सेवाओं में सुधार, केंद्र और राज्यों की मौजूदा आईसीटी पहल को बढ़ाना और एकीकृत करना है। इसके अलावा समय-समय पर कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को जानकारी उपलब्ध करवाना के लिए आयोजित कार्यक्रमों को भी इस योजना से जोड़ा गया है। इस योजना पर केंद्र सरकार ने 211.06 करोड़ रुपए का बजट तय किया है और ये बजट साल 2020 तक के लिए है। अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण,  दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।  

कृषि विस्तार के लिए उप मिशन (एसएमएई)- इस योजना का लक्ष्य खाद्य और पोषण सुरक्षा प्राप्त करना, किसानों का सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण करना, राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों की व्यवस्था को और मजबूत करना, स्टेकहोल्डर्स के बीच संपर्क कायम करना, मानव संसाधन विकास को समर्थन देना और इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया , इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन, आईसीटी  उपकरण को इनॉवेटिव बनाना है। इसके लिए सरकार ने 2961.26 करोड़ रुपए का बजट तय किया हुआ है।

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