वेतन आयोग का गठन सन 1946 में किया गया था। लेकिन कर्मचारियों की समस्याओं और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए समय समय पर वेतन आयोग में संसोधन किया जाता रहा है। जिसे अलग अलग नाम से जाना जाता है। इसी कड़ी में 7th Vetan Ayog को वर्ष 2014 में गठित किया गया था। इस वेतन के लागू होते ही सबसे ज्यादा फायदे उन सरकारी कर्मचारियों को होगा। जिनकी महीने के सालाना आय अन्य सभी सरकारी महकमों के मुकाबले काफी कम थी। अब सरकारी न्यूनतम सैलरी में इजाफा कर के उसे 18000 रूपए कर दिया गया है। यानी कि अब सरकारी कर्मचारी का महीने का वेतन कम से कम 18000 तो पूर्ण रूप से सुरक्षित है।
मैक्सिमम सैलरी को भी बढ़ाया गया है। सातवें वेतन आयोग के तहत अब अधिकतम सैलरी दो लाख ढाई हजार रूपए कर दी गयी है। इंक्रीमेंट में भी बढ़ोतरी कि गयी है। कर्मचारियो को हर साल तीन फीसदी के साथ इंक्रेमेंट बढ़ा कर सैलरी दी जाएगी। सरकारी कर्मचारियों के साथ साथ सातवें वेतन का लाभ पैंशनर्स को भी मिलेगा। पैंशनर्स के स्थाई मेडिकल भत्ते को बढ़ा दिया गया है। जहां पहले इन्हे 500 रूपए दिए जाते है। वहीं अब 1000 रूपए दिए जाया करेंगे साथ ही 100 प्रतिशित विकलांगता पर भी दिए जाने वाला भत्ते को भी बढ़ाया गया है। अब यह भत्ता 4500 रूपए से 6750 रूपए कर दिया गया है।
सातवें वेतन आयोग के दौरान मिलिट्री सर्विस पे के तहत सर्विस अफसर, जेसीओ को क्रमश रूपए देने का प्रावधान किया गया है। पहले 15000, 10800. 5200 और 3600 रूपए दिए जायेंगे।
भारतीय सैनिकों को मद्देनजर रखते हुए सियाचिन भत्ते को में भी काफी इजाफा किया गया है। पहले यह 14000 हजार रूपए था जिसे अब सातवें वेतन आयोग के तहत 30000 हजार रूपए कर दिया गया है। सैन्य अधिकारियों के लिए यह भत्ता 21000 रूपए से बढ़ाकर 42500 रूपए तय किया गया है। भारतीय सरकार के इस आयोग से करीब करीब 14 लाख सैन्य सैनिकों को लाभ पहुंचेगा।
सातवां वेतन आयोग का फायदा नर्सिंग स्टाफ को भी मिलेगा। जिसके तहत ही इनका अलाउंस को बढ़ाया गया है। जहां पहले मात्र 4800 दिए जाते थे। वहीं अब 7200 रूपए दिए जायेंगे। साथ ही ऑपरेशन थिएटर भत्ते में बढ़ोतरी की है। अब यह 360 रूपी से बढ़ाकर 540 कर दिया गया है। व हॉस्पिटल केयर भत्ता 2070 रूपए से बढ़ाकर 2100 रूपए कर दिया है। वहीं पेशेंट केयर अलाउंस में मिलने वाले रूपए को 4100 से 5300 रूपए कर दिया गया है।
सरकार के अंतर्गत काम कर रहे कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग काफी राहत भरा रहा है। इसी कड़ी में ग्रेच्युटी लिमिट में बढ़ोतरी की गयी है। अब यह लिमिट 10 लाख से बढ़ाकर दुगनी यानी कि 20 लाख कर दी गयी है। साथ ही बता दें की डीए लिमिट में 50 फीसदी तक बड़ा दी गयी है। और वहीं ग्रेच्युटी लिमिट 25 फीसदी तक बढ़ा दी गयी है।
सातवां वेतन आयोग के साथ ही एक फायदा ग्रुप सी और डी के अंतर्गत काम कर रहे कर्मचारियों के लिए भी है। अब इस स्टाफ के लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर नहीं किया जायेगा। लेकिन अगर कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान प्रमोशन होती है। तो उसे ट्रांसफर कर दिया जा सकता है। साथ ही ट्रांसफर के समय ट्रांसफर अलाउंस में भी इजाफा किया जाएगा।
सातवें वेतन का एक अन्य लाभ कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा के दौरान भी दिया जायेगा। अगर कर्मचारी का बच्चा किसी भी क्षेत्र में ग्रेजुएशन,पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा या टेक्निकल कोर्स के लिए शिक्षा प्राप्त करता है। तो परिवार के दो बच्चों की सरकार द्वारा आर्थिक सहायता की जाएगी।
एक अनुमान के अनुसार सातवां वेतन आयोग का सरकार पर तकरीबन 1.02 लाख करोड़ का बोझ पड़ने वाला है। जिसका कारण है। सरकार का विभिन्न क्षेत्रों में पैसों का इजाफा करना व कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान कर के उनके जीवन को सरल बनाना है। इस आयोग का लाभ अधिकतर लोगों को मिलेगा। और वह आर्थिक रूप से अपना भविष्य सुरक्षित करने में सक्षम हो पाएंगे।
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