पीकेवीवाई योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस योजना का आशय किसानो का स्वास्थ्य और जमीन की गुणवातता को कायम रखना होगा। परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देते हुये किसानो को प्रशिक्षित और सहायता करेगी। इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा किसानो को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार किसानो को इस योजना के तहत परंपरागत तरीको से कृषि करने के लिए प्रोत्साहित करेगी, जिससे उन्हे रसायन मुक्त खेत उपज मिले और साथ ही जमीन की गुणवत्ता को भी सुधारा जा सके। PKVY Yojna के तहत किसानो को जैविक खेती के लिए सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। वित्तीय अनुदान किसानों को सामूहिक दृष्टिकोण और पीजीएस प्रमाणन प्रणाली के आधार पर प्रदान किया जाएगा। भागीदारी गारेंटी प्रणाली (PGS) के माध्यम से फसलों के आर्गेनिक होने की जाँच की जायेगी। किसानों को जैविक खेती के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए 500 से 1000 हेक्टेअर भूमि पर 20 से 50 किसान सदस्यों का एक समूह बनाना होगा। किसानो के एक समूह को अधिकतम 10 लाख रुपये का वित्तीय अनुदान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त पीजीएस सर्टिफिकेशन के लिए 4.95 लाख रुपये प्रदान किया जाएगा।
योजना का नाम | परम्परागत कृषि विकास योजना |
लांच किया गया | 2015 में |
किसने लांच किया | केंद्र सरकार द्वारा |
योजना का उदेश्य | जैविक खेती को बढ़ावा देना |
लाभ | मिटटी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी |
आधिकारिक वेबसाइट pgsindiancof.gov.in |
इस योजना के अंतर्गत 50 से ज्यादा किसान जैविक खेती करने के लिए 50 एकड़ जमीन वाले समूह का निर्माण करेंगे और इसी तरह 5.0 लाख एकर क्षेत्र को कवर करने वाले 3 वर्षों के दौरान 10,000 समूह जैविक खेती के अंतर्गत बनाए जाएंगे।
पीकेवीवाई योजना के अंतर्गत प्रमाणन पर खर्च के लिए किसानों पर कोई खर्च नहीं होगा।
हर एक किसान को 3 वर्ष में बीज के लिए, फसलों की कटाई और बाजार में उपज परिवहन के लिए 20,000 रुपये प्रति एकर प्रोवाइड किये जाऐंगे।
पीकेवीवाई ऑनलाइन पंजीयन: PKVY Online Registration
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