करीब दो साल पहले शिवराज सरकार (Shivraj Government) के समय शुरू हुई पशु संजीवनी सेवा- पशु संजीवनी के नंबर पर कॉल करने पर वाहन से डॉक्टर कॉल लगाने वाले व्यक्ति के घर पहुंचते थे और पशुओं का निशुल्क इलाज करते थे. प्रदेश में 313 पशु संजीवनी वाहन हैं, जिनमें डॉक्टर और उनके सहायक तैनात रहते हैं. कॉल आने पर वे जानवरों का इलाज करने जाते हैं पशु संजीवनी सेवा की फीस तय कर दी है. अब मवेशी के इलाज के लिए मालिक को 100 रुपए देना होंगे पशुपालन विभाग के अंतर्गत चलने वाली सेवा के तहत कॉल सेंटर के नंबर 1962 पर फोन करने पर मौके पर पहुंचकर पशु का मुफ्त इलाज किया जाता था. इस सेवा के तहत प्रदेशभर में 313 वाहन चलाए जा रहे थे. इसमें पशु चिकित्सक और उनके सहायक तैनात रहते थे म.प्र.शासन पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं के निःशुल्क उपचार के लिए टोल फ्री नम्बर-1962 पशुधन संजीवनी योजना 01 नवंबर 2019 से लागू की जा रही है। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाए ने जिले के पशुपालकों से आग्रह किया है, कि वे 1962 पर टोल-फ्री नम्बर पर पशुओं के बारे में सूचना देकर निःशुल्क उपचार करवा कर पशुधन संजीवनी योजना का लाभ उठा सकते है।
भारत में किसी भी राज्य सरकार की तुलना में यह राज्य सरकार की यह नई पहल है।दूरदराज के क्षेत्रों में पशुओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उपचार प्राप्त करने के लिए पशुआंे को अस्पताल ले जाना, दवाइयों की अनुपलब्धता, मनमानी कीमतो और स्थानीय स्तर पर निर्भरता जैसी चुनौतियों के साथ किसानो ंपर भारी बोझ डालता है।इस लागत के बोझ को समाप्त करके, केवल मामूली शुल्क के साथ; संजीवनी किसानों को उनकी आजीविका की सुरक्षा और बढ़ाने में सहायता करती है।'परियोजना के सुचारू संचालन के लिए हरसेवा के लिए 100/- रुपये का मामूली शुल्क रखा गया है और किसी भी तरह का अतिरिक्त खर्चा नहीं है।फर्जी कॉल करने वालों को हतोत्साहित करने के लिए भी यह फीसली जा रही है।किसानों के बीच जागरूकता फैलाने और उन्हें सुविधा प्रदान करने के लिए विभाग जिला कलेक्टरों को शामिल करने की भी योजना बना रहा है।दूरदराज के क्षेत्रों मे दवाओं की कमी से संबंधित चुनौतियों का सामना करने के उद्देश्य से परियोजना के लिए आवश्यक दवाएं किसानों को मुफ्त दी जाती हैं।
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