दुधारू पशुओं की खरीदी-बिक्री और गर्भधारण जैसी चीजों के लिए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल epashuhaat.gov.in शुरू किया है। इस पोर्टल के जरिए लोग पशुधन, फ्रोजन सीमन और भ्रूणों की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। फिलहाल पशुधन के लिए कोई संगठित बाजार नहीं है। पशुपालन विभाग के अफसरों के मुताबिक यदि कोई छत्तीसगढ़ का किसान ज्यादा दूध देने वाली गिर नस्ल का मवेशी खरीदना चाहता है तो अब उसे दिक्कत नहीं आएगी। यह इलेक्ट्रानिक मार्केट किसानों को न केवल गाय-भैंस खरीदने में मददगार बनेगी, बल्कि यहां से सीमन और भ्रूण भी खरीदे जा सकेंगे। इस पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता आएगी। खरीदी-बिक्री में किसान को कोई दलाली नहीं देना पड़ेगी। अब किसान घर बैठे दुधारू पशु, फ्रोजन सीमन और भ्रूणों की खरीदी-बिक्री कर सकता है, वह भी किफायती दरों पर। इससे किसान बिचौलियों की दलाली से बच जाएगा। केंद्र सरकार ने किसान और उद्यमियों को डेयरी कारोबार में लाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल ई-पशु हाट योजना शुरू की है।
पांच दुधारू पशु खरीदी पर मिलेगा लोन, सब्सिडी भी- दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार ने आचार्य विद्यासागर गो-संवर्धन योजना शुरू की है। किसानों को लोन के साथ-साथ सब्सिडी भी मिलेगी। पांच दुधारू पशु या इससे ज्यादा खरीदने के लिए (गाय या भैंस जितनी लेना हो) 10 लाख रुपए का लोन मिलेगा। 75 फीसदी बैंक ऋण, 25-30 फीसदी (सामान्य और पिछड़ा वर्ग के लिए अधिकतम एक लाख 50 हजार एवं एससी एवं एसटी के लिए अधिकतम 2 लाख) मार्जिन मनी, एवं 7 वर्ष तक 5 प्रतिशत ब्याज पशुपालन विभाग देगा। योजना में एससी एवं एसटी वर्ग के किसानों को 33 फीसदी या 2 लाख तक सब्सिडी मिलेगी। अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के किसानों को 25 फीसदी या अधिकतम डेढ़ लाख रुपए अनुदान देने का प्रावधान है। पहले यह योजना बैंक ऋण अनुदान पर डेयरी योजना के नाम से काम करती थी। इसमें 1 लाख 5 हजार रुपए तक लोन मिलता था, इससे तीन दुधारू पशु खरीद सके।
टोल फ्री नंबर भी- पशुपालक पोर्टल पर जर्मप्लाज्म की जानकारी देख सकेंगे
पशुपालक पोर्टल पर जर्मप्लाज्म की सूचना पोर्टल पर देख सकते हैं। जिससे कि विभिन्न नस्लों की गाय-भैंसों की जानकारी आसानी से मिल सकती है। विभाग का दावा है कि इस पोर्टल से देशी नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन को एक नई दिशा मिलेगी। सरकार देशी नस्लों को बढ़ावा देने के लिए इस कदम को उठाने जा रही है। किसी भी नस्ल का प्रतिरूप ही जर्मप्लाज्म होता है।
पोर्टल के जरिए किसान से संस्थान तक किया जा सकेगा संपर्क= पशु हाट किसानों को इलेक्ट्रॉनिक व्यापार के लिए प्रोत्साहन देगा। जर्मप्लाज्म की सटीक जानकारी मिलेगी। जर्मप्लाज्म के आंकड़े राज्य नहीं बल्कि देश के अलग-अलग इलाकों से होंगे। वहीं पोर्टल के माध्यम से किसान विभिन्न राज्यों के केंद्र, चार सीएचआरएस केंद्रों से जोड़ने का कार्य करेगा। यानी किसान से किसान तक तथा किसान से संस्थान तक संपर्क स्थापित करेगा।
भैंस
मुर्रा : 15 से 20 लीटर रोज संकर मुर्रा एक दिन में 6 से 8 लीटर दूध देती है।
सुरती : 10-12 लीटर रोज
ज़फराबादी: 11 लीटर रोज।
नागपुरी : नागपुर, अकोला, अमरावती व यवतमाल क्षेत्र में पाई जाती है। 8-10 लीटर रोजाना दुग्ध उत्पादन होता है।
बकरी
जमुनापारी : गंगा, यमुना तथा चम्बल नदियों से घिरे क्षेत्र में। (1 से 1.50 लीटर रोजाना)
बीटल : गुरदासपुर जिला के बटाला अनुमंडल क्षेत्र में।
बारबरी : आगरा, मथुरा।
ब्लैक बंगाल : पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तरी उड़ीसा एवं बंगाल। ( आधा लीटर रोजाना)
गाय
सहिवाल : 7 लीटर रोजाना
गीर : लीटर रोजाना
थारपकर : 5 लीटर रोजाना
हरियाणा : 4-5 लीटर रोज
अमृत महल : 15 लीटर रोज
मालवी : 5-7 लीटर रोजाना
निमाड़ी : 5-7 लीटर रोज
हल्लिकार : कर्नाटक के जिले 15-20 लीटर रोजाना
1800-8437-100 पर कॉल कर ले सकते हैं जानकारी।
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