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एमपी उद्यानिकी विभाग योजनाएं ऑनलाइन आवेदन, अनुदान | Udyaniki Vibhag MP

 केंद्र सरकार देश के किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही है। इनमें से खेती और बागवानी की कई योजनाएं ऐसी हैं, जिनका लाभ लेने मसलन अनुदान प्राप्त करने के लिए किसानों या बागवानों को online आवेदन करना होगा। विभाग के पास अपना registration कराना होगा। एमपी का उद्यान विभाग भी वहां के किसानों को online पंजीकरण की सुविधा दे रहा है। 

एमपी उद्यानिकी विभाग ऑनलाइन पंजीकरण का उद्देश्य

इसका उद्देश्य एमपी सरकार की ओर से कृषि और उद्यानिकी में राज्य को अव्वल बनाना और कृषि पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना है। भ्रष्टाचार को कम करना भी इसका एक उद्देश्य है। Online पंजीकरण के जरिये एक क्लिक में कृषक योजना का लाभ उठा सकेगा। उसे विभागों के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं होगी। दूसरे योजना के संचालन और अनुदान वितरण की प्रक्रिया में भी पारदर्शिता बनी रहेगी।

एमपी उद्यानिकी विभाग 2020 ऑनलाइन पंजीकरण कैसे करे?

दोस्तों, आपको बता दें कि राज्य सरकार की ओर से विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण की सुविधा दी गई है। इसके अलावा वह प्रदेश के जन सुविधा केंद्र यानी common service center यानी CSC के जरिये पंजीकरण करा सकते हैं या फिर एमपी Online कियोस्क पर भी registration करा सकते हैं।

पंजीकरण के बाद किसान विभिन्न योजनाओं के लिए online आवेदन कर सकेंगे और योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे, अनुदान ले सकेंगे। आपको यह भी बता दें कि यह पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। आइए, जानते हैं कि यह कैसे होगा? इसकी प्रक्रिया क्या है-

जीकरण के लिए पात्रता / शर्त और आवश्यक दस्तावेज-

हर सरकारी योजना की तरह एमपी यानी एमपी उद्यानिकी विभाग के पास विभिन्न योजनाओं का अनुदान लेने के लिए online पंजीकरण को भी कुछ पात्रता यानी शर्तें निर्धारित की गई हैं। साथ ही उन्हें कुछ दस्तावेज भी यह लाभ उठाने के लिए लगाने होंगे। एदोस्तों, यह यह इस प्रकार से हैं-

  • सबसे पहली शर्त तो यही है कि आवेदक एमपी का निवासी हो।
  • आवेदक के पास उसका फोटो पहचान पत्र मसलन-वोटर आईडी, driving लाइसेंस, राशन कार्ड, यूआईडी कार्ड हो
  • जमीन के अभिलेख या दस्तावेज
  • आवेदक की बैंक की पास बुक
  • आवेदक का मोबाइल नंबर
  • एंव आवेदक की पासपोर्ट साइज फोटो

एमपी उद्यानिकी विभाग आवेदन प्रक्रिया – MP Horticulture Department Registration Process

  • सबसे पहले आवेदक को एमपी की आधिकारिक वेबसाइट पर https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ जाना होगा। इसके पश्चात उसके सामने कंप्यूटर स्क्रीन पर होम पेज खुल जाएगा।
  • इस होम पेज पर आपको नीचे new registration का option दिखाई देगा। आवेदक को इस option पर क्लिक करना होगा।


  • नवीन पंजीयन आप्शन पर क्लीक करने के बाद आपके सामने एक पेज ओपन होगा। जहाँ आपको अपना मोबाइल नंबर वेरीफाई करने के लिए कहा जायेगा।

  • आपके मोबाइल नम्बर पर भेजे गए OTP वेरीफाई करने के बाद आपके सामने एक पेज ओपन होगा। यहां आपको ई-केवाईसी के biometric सत्यापन का option दिखाई देगा।

  • आपको इस option पर क्लिक करना होगा। इसके बाद पूछी गई जानकारी आपको सही-सही भरनी होगी।
  • सबसे पहले आधार कार्ड संख्या डालनी होगी। इसके बाद फिंगर प्रिंट लगाना होगा। इसके लिए दाएं या बाएं हाथ के अंगूठे का इस्तेमाल करें।
  • इसके बाद आपको capture finger print के option पर क्लिक करना होगा। इसके पश्चात आपके सामने एक registration फाॅर्म खुल जाएगा।

  • इसमें फाॅर्म में पूछी गई सारी जानकारी आपको सही-सही भरनी होगी। मसलन आवेदक का जिला, कुल भूमि क्षेत्र, ब्लाॅक, ग्राम पंचायत, पता आदि।

यह जानकारी सही सही भरने के बाद बाद आवेदक को अपने दस्तावेज जैसे-फोटो, खसरा, बैंक की पास बुक, जाति प्रमाण पत्र आदि को अपलोड करना होगा

  • इसके पश्चात आपको save के option पर क्लिक करना होगा। इसके पश्चात विभाग की ओर से आपके फाॅर्म में दिए गए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा। आपको यह ओटीपी दिए गए बाॅक्स में भरकर वेरिफाई करना होगा।
  • मोबाइल नंबर के इस वेरिफिकेशन के बाद उद्यानिकी विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदक का registration पूरा हो जाएगा।

    • और आपको एक रजिस्ट्रेशन स्लिप मिल जाएगी जिसे आप प्रिंट भी कर सकतें हैं।

    एमपी उद्यानिकी विभाग हेल्पलाइन नम्बर्स, कांटेक्ट डिटेल्स –

    यदि एमपी उद्यानिकी विभाग की योजनाओं और इनके तहत मिलने वाले अनुदान के साथ ही online पंजीकरण के विषय में आप कोई अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए विभाग ने एक ई-मेल आईडी और दूरभाष संपर्क संख्या यानी विभाग का लैंडलाइन नंबर भी मुहैया कराया है। अधिक जानकारी के लिए आप इस ईमेल आईडी mofsts.helpdesk@mp.gov.in भी संपर्क कर सकते हैं। या इसके अलावा आप 0755-4059242 पर भी संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं। विभागीय योजनाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की जा रही है।

किन योजनाओं के तहत अनुदान देता है एमपी उद्यानिकी विभाग

आपको बता दें कि एमपी में ऐसी अनेक योजनाएं उद्यानिकी विभाग की ओर से चलाई जा रही हैं, जिनके लिए कृषकों, बागवानों को अनुदान प्रदान किया जाता है। आइए, एक नजर डालते हैं इन योजनाओं पर। यह इस प्रकार से हैं-

राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन – National Horticulture Mission

साथियों, आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि यह राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन एमपी राज्य के 38 जिलों में लागू है। इसके अंतर्गत फल सब्जी क्षेत्र विस्तार, नर्सरी, कोल्ड स्टोरेज, राइपनिंग चेंबर, संरक्षित खेती आदि के लिए अनुदान प्रदान किया जाता है। जिलों में औषधीय पौधा क्षेत्र के लिए विस्तार के लिए भी मिशन के अंतर्गत अनुदान दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इसके तहत बड़े पैमाने तक बागवान अनुदान प्राप्त करते हैं।

इसके अतिरिक्त यंत्रीकरण, मिनी किट, बाॅडी किचन प्रोग्राम, मसाला क्षेत्र विस्तार, पुश्प क्षेत्र विस्तार आदि के लिए भी अनुदान प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है। दोस्तों, आपको बता दें कि ऊपर बताई गईं योजनाओं के अतिरिक्त कई अन्य मिशन/योजनाओं मसलन एकीकृत बागवानी मिशन योजना, प्रधानमंत्री कृशि सिंचाई योजना आदि के अंतर्गत भी राज्य के उद्यानिकों को अनुदान की व्यवस्था की गई है।

माइक्रो इरिगेशन या लघु सिंचाई योजना – Minor Irrigation Scheme –

सबसे पहले बात माइक्रो इरिगेशन योजना की। आपको बता दें कि इस योजना के अंतर्गत ड्रिप इरिगेशन और माइक्रो स्प्रिंकलर के लिए अनुदान दिया जाता है।

उद्यानिकी विभाग ही करता है तिथियों का निर्धारण और घोषणा

आवेदन की प्रक्रिया तो निर्धारित की गई है, लेकिन किस योजना के लिए कब तक आवेदन किया जाना है, इन तिथियों का निर्धारण उद्यान विभाग ही करता है और वही इन तिथियों को जारी भी करता है। किसानों को इन योजनाओं और इनसे जुड़े आवेदनों की तिथियों को जानने के लिए लगातार विभाग की आधिकारिक वेबसाइट को चेक करना होगा, या फिर उन्हें अपने मोबाइल इन योजनाओं की तिथियों से जुड़े नोटिफिकेशन पाने के लिए अलर्ट लगाना होगा। वेबसाइट पर विभिन्न योजनाओं और उनके तहत अनुदान की विस्तार से जानकारी दी गई है।

उद्यानिकी विभाग का लक्ष्य निर्धारण 

दोस्तों, लगे हाथों आपको यह भी बता दें कि हर योजना की तरह इन योजनाओं के लिए भी विभाग ने अलग अलग लक्ष्य निर्धारित किए हैं। मसलन मसाला विस्तार योजना को ही लें। एमपी उद्यानिकी विभाग की ओर से सीहोर, टीकमगढ़, दमोह, खरगौन, छतरपुर, शिवपुरी क्षेत्रों में बीजवाली फसलों के लिए कुल 254 लाख का भौतिक लक्ष्य रखा है। इसमें सीहोर और टीकमगढ़ का 43-43, जबकि दमोह, खरगौन, छतरपुर, शिवपुरी के लिए 42-42 लाख का लक्ष्य शामिल है।

इस संबंध में पिछले जून महीने में ही संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी की ओर से संबंधित उप/सहायक संचालक उद्यान को पत्र जारी किया गया है। इसी तरह पुष्प यानी कि फूलों की खेती विस्तार योजना और अन्य योजनाओं के लिए भी लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। संबंधित उच्च अधिकारी भी कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से योजनाओं पर अधिकारियों से रिस्पांस लेते हैं। उनसे online बैठक कर विभिन्न योजनाओं की स्थिति पर चर्चा करते हैं। सुझाव आमंत्रित करते हैं और सुझाव बेहतर होने की स्थिति पर उन पर अमल के भी निर्देश जारी करते हैं।

वास्तविक किसानों को ही मिलेगा लाभ

कई बार कृषि, उद्यानिकी एवं वानिकी योजनाओं का लाभ लेने में फर्जीवाड़ों की बात सामने आती है। जमीन किसी और की होती है। अनुदान वितरण किसी और के नाम होता है, लेकिन मिल किसी और को जाता है। लेकिन प्रक्रिया Online हो जाने से अब केवल वास्तविक किसानों को ही योजनाओं का लाभ मिलेगा और केवल वास्तविक किसान/बागवान ही अनुदान ले सकेंगे। घोटालों, फर्जीवाड़ों पर रोक संभव हो सकेगी। यह बताने की जरूरत नहीं दोस्तों कि बीज तक के नाम पर कई राज्यों में कृषि और उद्यान विभाग में कई घोटाले हुए हैं।

इनमें से कई मामलों में जांच चल रही है और कई जगह दोषियों पर कार्रवाई तक हो चुकी है। यह सब जानते ही हैं कि आपसी मिलीभगत ही इस तरह के मामलों में सामने आती है, लेकिन जब से ज्यादातर विभागों में प्रक्रिया Online हुई है तब से भ्रष्टाचार आदि पर रोक लगी है। आवेदन प्रक्रिया में मोबाइल नंबर को भी इसीलिए शामिल किया गया है, क्योंकि मोबाइल नंबर इस वक्त ज्यादातर लोगों के बैंक खातों से जुड़े हैं। हर transaction का अलर्ट मोबाइल पर आता है और इसी के जरिये direct benefit transfer यानी डीबीटी भी संभव हो पाता है। जिसका खाता होता है, पैसा सीधे उसी के खाते में पहुंचता है। इससे गड़बड़ी की गुंजाइश कम हो जाती है।

उद्यान विभाग के चक्कर काटने से मिलेगी मुक्ति

एमपी के उद्यानिकी विभाग की ओर से विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाले अनुदान के लिए online पंजीकरण की व्यवस्था से कृशकों और उद्यानिकों को उद्यानिकी विभाग के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी। इससे उनकी समय की बचत होगी और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों के उपर से भी कार्य का बोझ कम हो जाएगा। उन्हें फाइलों को मैनुअली हैंडिल करने की दिक्कत से मुक्ति मिलेगी। साथ ही साथ सारे आवेदन online होने की वजह से उनके लिए उन्हें मैनेज करना भी आसान होगा।

लोगों को registration करते वक्त ध्यान केवल एक बात का रखना है कि उन्हें सारी जानकारी सही सही भरनी होगी। गलत भरने पर उनका registration कैंसिल हो जाएगा। वह चाहें तो जैसा कि हम उपर भी बता चुके हैं कि जन सेवा केंद्र यानी common service center यानी सीएससी की मदद से भी अपना करा सकते हैं। यहां केंद्र संचालक इस कार्य में उनकी मदद कर सकता है। दोस्तों, आपको बता दें कि खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के पंजीकरण कराने के इच्छुक लोगों/आवेदनकर्ताओं के लिए कम से कम यह सीएससी बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं।





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