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उत्तर प्रदेश कुक्कुट पालन कर्ज योजना 2020 आवेदन प्रक्रिया / मुर्गी पालन लोन के लिए पंजीकरण / पात्रता Poultry Farming Scheme Registration in Uttar pradesh

 उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में लोगों को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए कुक्कुट पालन कर्ज योजना शुरू की है। लोग कुक्कुट पालन योजना के तहत आवेदन करके (Poultry Farming Scheme Registration in Uttar pradesh) मुर्गी फार्म लगा सकते हैं जिससे इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। योगी सरकार जैसे पशुपालन के लिए लोन उपलब्ध कराती है उसी तरह कुक्कुट पालन कर्ज योजना (Poultry Farming Subsidized Bank Loan) के तहत लोगों को अपना स्वयं का व्यवसाय लगाने में भी बैंक से सब्सिडी पर लोन दिया जाएगा जिसके लिए पंजीकरण करने की जानकारी नीचे दी गई है। योगी सरकार ने कुक्कुट पालन योजना के अंतर्गत मुर्गी पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए आकर्षक एवं व्यवहारिक कुक्कुट विकास नीति जारी की है।

कुक्कुट पालन विकास नीति (Uttar Pradesh Poultry Development Project) का उद्देश्य छोटे मुर्गी पालकों को इससे फायदा पहुंचाना है। जिसके लिए प्रदेश की सरकार उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार का सहयोग दे रही है। किसान भाई या फिर कोई भी युवा कुक्कुट पालन योजना से अपनी स्थायी आय सुनिश्चित कर सकता है। इसके साथ ही खेती के साथ-साथ पशुपालन, मुर्गी पालन कर किसान भाई भी अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।

2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने वाले प्रधानमंत्री मोदी के सपने को पूरा करने में यह एक बहुत बड़ा कदम होगा।

मुर्गीपालन लोन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

मुर्गी पालन करने और फार्म खोलने के लिए सरकार जो लोन दे रही है इसके लिए आवेदकों को कुछ दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी जिसकी सूची आप नीचे देख सकते हैं:

  • पहचान प्रमाण पत्र (ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर ID कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट आदि)
  • हाल में खींची गई पासपोर्ट साइज फोटो
  • एड्रेस प्रूफ (राशन कार्ड, बिजली बिल, टेलीफोन बिल, पानी बिल, लीज एग्रीमेंट आदि)
  • बैंक की स्टेटमेंट की फोटो कॉपी और जमानतदार
  • अपने प्रोजेक्ट का पूरा ब्यौरा अथवा प्रोजेक्ट रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश कुक्कुट पालन कर्ज योजना आवेदन प्रक्रिया

मुर्गी पालन योजना (Poultry Farming Scheme UP) के तहत राज्य सरकार मुर्गी फार्म स्थापित करने के लिए सब्सिडी पर लोन उपलब्ध कराती है जिसके कुछ भाग का भुगतान खुद मुर्गी पालक को करना होगा और बाकी का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। कुक्कुट पालन अनुदान योजना (Poultry Farming Interest Subsidy Scheme in UP) में उत्तर प्रदेश सरकार लाइसेंस देना, स्वच्छता का प्रमाण-पत्र सभी उपलब्ध कराएगी।

कुक्कुट पालन अनुदान विकास नीति (Yogi govt. Poultry Farming Interest Subsidy Scheme) के तहत कुक्कुट पालक 30 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट और 10 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट स्थापित कर सकते हैं। इस योजनान्तर्गत 30 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट संचालित करने के लिए मुर्गी पालक को 1.60 करोड़ रुपये की लागत लगाने की जरूरत पड़ेगी, जिसमें लाभार्थी को 54 लाख रुपये और 1.06 करोड़ का नियमानुसार बैंक ऋण पास कराना होगा।

वहीं 10 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट स्थापित करने के लिए मुर्गी पालक को कुल 70 लाख रुपये लगानी पड़ेगी जिसमें 21 लाख रुपये लाभार्थी को लगाना पड़ेगा और 49 लाख रुपये का बैंक ऋण पास कराना होगा। इस नीति के तहत लाभान्वित होने के लिए छोटे-बड़े कोई भी किसान या युवा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।

यूपी कुक्कुट पालन अनुदान योजना – पात्रता

कुक्कुट पालन कर्ज या अनुदान योजना व मुर्गी पालन योजना के तहत लोन लेने के लिए आवेदक के पास इकाई स्थापित करने हेतु निम्न्लिखित (Eligibility Criteria Poultry Farm Subsidy Scheme) बातों को पूरा करना होगा:

  • आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए।
  • आवेदक के पास एक एकड़ से तीन एकड़ तक स्वयं की भूमि होनी चाहिए।
  • बैंक में बचत खाता
  • आधार कार्ड
  • भूमि के मालिकाना हक का प्रमाण-पत्र

मुर्गीपालन में घर बनाने से संबंधित बातें

मुर्गीपालन शुरू करने जा रहे किसान या लोग घर बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए आप नीचे देख सकते हैं:

घर ऊँची सतह पर बनाए।

ऐसी जगह जहां पर ज्यादा धूप आती हो या ज्यादा ठंडक हो या फिर वर्षा आती हो वहाँ मुर्गियों का घर ना बनाये।

घर को छरने, ढकने के लिए एस्बेस्टस या घास फूस, पुवाल या ताड के पत्ते या खपड़ा का प्रयोग करना चाहिए।

मुर्गी घर का फर्श बाहर की जमीन से 10 इंच ऊँचा होना चाहिए तथा संभव हो तो पक्का बनाना चाहिए जिससे चूहा, सांप आदी बिल न बना सके।

मुर्गी घर की दिवार मजबूत, आंशिक रूप से खुली तथा तीन ओर से बंद रहे कि जिससे एक तरफ से हवा आ जा सके।

उत्तर प्रदेश में कुक्कुट विकास नीति 2018 (Yogi Adityanath Poultry Farming Interest Subsidy Scheme) के तहत कामर्शियल लेयरी फार्मिंग के 30 हजार पक्षी की 298 इकाईयां क्रियाशील हैं और 10 हजार पक्षी की कामर्शियल लेयर फार्मिंग की 268 इकाईयां क्रियाशील हैं।

इन इकाइयों से प्रतिदिन 100.58 लाख अतिरिक्त अण्डा का उत्पादन हो रहा है। इसी तरह ब्रायलर पैरेन्ट फार्म की 10 हजार पक्षी की 23 इकाईयां क्रियाशील हैं, जिनसे 24.60 लाख अतिरिक्त चूजे प्रतिमाह उत्पादित हो रहे हैं। इस योजनान्तर्गत प्रदेश में लगभग 78 हजार लोगों को स्वरोजगार मिला है।

मुर्गियों के लिए सन्तुलित आहार

1) मुर्गियों में स्वास्थ एवं उत्पादन क्षमता बनाये रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी, शर्करा, चिकनाई, प्रोटीन, खनिज पदार्थ तथा विटामिन आवश्यक है। जिस आहार पर पलने वाली मुर्गियाँ अधिक स्वस्थ रहें, उनकी बढ़ोतरी अच्छी हो और वे अंडा अधिक दें उसे सन्तुलित आहार कहा जाता है।

2) मूर्गिपालक आहार का मिश्रण स्वयं घर में तैयार कर सकते हैं अगर घर पर तैयार करने में कोई परेशानी आती है तो वे बना बनाया बाजार से तैयार मिश्रण भी खरीद कर अपनी मुर्गियों को खिला सकते हैं। चूजों को पहली खुराक अंडे से निकलने के 48 घंटे बाद दी जाती है। चूजों के लिए साफ पानी का प्रबंध हमेशा रहना चाहिए।

मुर्गीपालन के लिए जरूरतें

अधिक अंडों का उत्पादन करने के लिए हमारे देश या विदेश में सबसे अच्छे नस्ल की सफेद मुर्गी होती है जिसे “व्हाइट लेग हार्न” कहते हैं। मांस उत्पादन के लिए कोरनिस, न्यूहेपशायर, असील, चटगाँव आदि नस्लें हैं। मुर्गीपालन के लिए हमेशा ऐसी मूर्गियां पालनी चाहिए जो बड़े अंडे देने वाली हों। अच्छी मुर्गी का चुनाव करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए। अच्छी मुर्गी के सिर चौड़े व विस्तृत होते हैं ना कि सकरे व गोलाकार। कलंगी लाल और चमकदार होती है, पेट बड़ा होता है तथा त्वचा कोमल लचीली होती हैं। जघनास्थी चौड़ा तथा योनिमूख अंडाकार होता है। मुर्गी फार्म खोलने कें लिए आवश्यक चीजें निम्न्लिखित हैं:

मुर्गीपालन घर

दाना, पानी देने के लिए बर्तन

ब्रूडर

उन्नत नस्ल के चूजे या बड़ी मुर्गियाँ

रोगों से बचाव के लिए टीका औषधि तथा दवा

अंडा देने का बक्सा

रोशनी या बिजली का प्रबंध

हाट-बाजार जहाँ व्यापार किया जायेगा

अच्छी नस्ल की मुर्गियाँ साल भर में लगभग 250 से 300 अंडे देती हैं जबकि देशी मुर्गियाँ केवल 50-60 अंडे ही दे पाती हैं। इन मुर्गियों को साल भर अंडा देने के बाद बेच देना चाहिए क्योकि इनकी अंडा देने की क्षमता घट जाती है जिससे आय में होने वाला लाभ कम हो जाता है। मुर्गीपालन में मुर्गियों के आहार पर ही 65-70 प्रतिशत खर्च आ जाता है। इसलिए कमजोर तथा कम अंडा देने वाली मुर्गियाँ की बराबर छटाई करते रहना चाहिए।

कुक्कुट पालन कर्ज योजना हेल्पलाइन नंबर

टोल फ्री नंबर

1800-180-5141

Animal Husbandry Department Lucknow, UP Contact No

0522-2740482, 0522-2740238, 0522-2741991, 0522-2741992

Contact Person E-mail

ahrazqidwai@yahoo.com, vks56@yahoo.com

इसके अलावा योजना से जुड़ी किसी भी अन्य जानकारी के लिए आप सीधा आधिकारिक पोर्टल http://www.animalhusb.upsdc.gov.in/en पर भी जा सकते हैं या नीचे कमेंट कर सकते हैं।

Q&A

उत्तर प्रदेश कुक्कुट पालन कर्ज योजना में लोन देने के लिए कौन–कौन से बैंक शामिल किए गए हैं ?
उत्तर प्रदेश मुर्गीपालन कर्ज योजना के तहत सब्सिडी पर लोन देने के लिए बैंक्स की सूची में SBI, IDBI, Federal Bank, Punjab National Bank (PNB), Bank of India, HDFC Bank, ICICI Bank को शामिल किया है।

UP कुक्कुट पालन कर्ज योजना के लिए आवेदन / पंजीकरण कैसे कर सकते हैं ?
कोई भी इच्छुक व्यक्ति जिसको मुर्गीपालन का अनुभव हो मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के कार्यालय में जाकर कुक्कुट पालन कर्ज योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकता है।

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