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Hast Rekha Gyan in hindi | हस्तरेखा ज्ञान अर्थ, महत्व, प्रमुख रेखाएं, उंगलियों के प्रकार

 हस्तरेखा ज्ञान को हस्तरेखा शास्त्र या काइरमैन्सी भी पुकारा जाता है। यह यूनानी शब्द चेइर cheir यानी हाथ और मंटिया manteia यानी अनुमान से बना है। इससे स्पष्ट है कि यह हथेली को पढ़कर लक्षण का वर्णन और भविष्य बताने की कला है। इसीलिए इसे जिसे हस्तरेखा अध्ययन या हस्तरेखा शास्त्र या हस्तरेखा ज्ञान भी कहा जाता है। जो लोग हस्तरेखा पढ़ते हैं, उन्हें आम तौर पर हस्तरेखाविद्, हथेली पढ़ने वाला, हाथ पढ़ने वाला, हस्तरेखा विशेषज्ञ, हस्तरेखा विश्लेषक या हस्तरेखा शास्त्री भी कहा जाता है। भविष्य अनिश्चितता से भरा होता है यही वजह है कि लोगों में अपना भविष्य जानने की बहुत उत्कंठा भी होती है। किसी का कारोबार अच्छा नहीं चल रहा या कोई पढ़ाई में अच्छा नहीं कर पा रहा, हर कोई अपनी हस्तरेखा से अपने आने वाले कल के बारे में जानने का तलबगार होता है। 

ज्योतिष शास्त्र में हस्तरेखा का क्या महत्व है?

साथियों, जान लीजिए कि ज्योतिष शास्त्र में हस्तरेखा का बहुत बड़ा महत्व है। माना जाता है कि हस्तरेखाओं की सहायता से किसी व्यक्ति के भविष्य का अनुमान लगाया जा सकता है। ज्योतिष के जानकार किसी व्यक्ति के हाथ के आकार, हथेली की लकीर आदि का अध्ययन करके उस व्यक्ति के भविष्य की जानकारी का अनुमान लगा सकते हैं। बहुत से लोग होते हैं, जो अपना समस्त कार्य अपनी हस्तरेखा दिखाने के पश्चात ज्योतिषियों की सलाह से ही करते हैं।

हस्तरेखा ज्ञान में इन रेखाओं का भी महत्व

रिंग ऑफ सैटर्न –

आपको बता दें कि यह रेखा अनामिका उंगली के नीचे होती है। यह रेखा बेहद कम लोगों के हाथ में पाई जाती है। जिनके हाथ में यह रेखा मिलती है, वह नाखुश प्रवृत्ति के होते हैं। वह आवश्यकता से अधिक गंभीरता का लबादा ओढ़े रखते हैं।

रिंग ऑफ अपोलो –

मित्रों, यह रेखा अनामिका के बाद वाली उंगली के नीचे होती है।इसका सीधा संबंध क्रिएटिविटी से है। यह रेखा व्यक्ति को रचनात्मक बनाती है। हालांकि ऐसे लोगों में पाजिटिविटी की कमी झलकती है।


सूर्य रेखा –

आपको बता दें कि यह रेखा सभी लोगों के हाथों में नहीं होती। जिस व्यक्ति के हाथ में यह रेखा होती हैं, वह व्यक्ति क्रिएटिव, आत्म विश्वासी और अपने एक्शन प्लान पर अमल करने वाला माना जाता है। हालांकि, इस रेखा पर अन्य रेखाओं का आना बीमारी अथवा नाकामयाबी भरे समय को दर्शाता है।

ब्रेसलेट लाइन –

यह रेखाएं किसी व्यक्ति की कलाई पर होती हैं, इसीलिए इन्हें ब्रेसलेट लाइन भी पुकारा जाता है। यदि यह लाइन कलाई पर साफ–साफ दिखाई देती है तो व्यक्ति का जीवन स्वास्थ से परिपूर्ण माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति के हाथ में यह रेखा टूटी हुई हो, तो इससे यह माना जाता हैै कि व्यक्ति अपने स्वास्थ पर ज्यादा ध्यान नहीं देता।

यदि किसी व्यक्ति के हाथ में दूसरी ब्रेसलेट लाइन साफ हो तो व्यक्ति का जीवन आर्थिक रूप से सफल माना जाता है। वह अपने जीवन में सभी सुख पाता है। यदि व्यक्ति की कलाई की तीसरी ब्रेसलेट लाइन साफ हो तो व्यक्ति समाज में अत्यधिक प्रतिष्ठा प्राप्त करता है।

भाग्य रेखा –

दोस्तों, आपको बता दें कि यह रेखा किसी व्यक्ति की हथेली के बीचों बीच स्थित होती है। इस रेखा की सहायता से किसी भी व्यक्ति के भाग्य का पता चलता है। इसके साथ ही किसी भी व्यक्ति के जीवन में आने वाले संकटों का भी इससे अनुमान होता है। यदि यह रेखा सरल रूप में हो, तो व्यक्ति का भाग्य संतुष्टि भरा होता है। लेकिन दोस्तों, यदि यह रेखा टूटी हुई हो तो व्यक्ति का भाग्य काफी मुश्किल भरा होगा। ऐसा माना जाता है।

बृहस्पति रेखा –

मित्रों, इस रेखा की सहायता से किसी व्यक्ति के व्यवहार का पता चलता है। जिस व्यक्ति के हाथ में यह रेखा होती है वह आम तौर पर आश्रय देने वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। बच्चों के लिए सहायक सिद्ध होते हैं।

स्वास्थ रेखा –

साथियों, यह रेखा हाथ की सबसे छोटी ऊँगली के नीचे से शुरू होकर और नीचे जाती है। इसे अक्सर ‘लाइन ऑफ लीवर’ के नाम से भी जाना जाता है। यह रेखा किसी व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र से संबंधित जानकारी देती है। मोटे तौर पर जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह रेखा बताती है कि किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य कैसा रहेगा।

सहज रेखा –

मित्रों, यह रेखा सबसे छोटी उंगली से शुरू होकर हथेली के किनारे की तरफ मुड जाती है। यह रेखा बहुत हल्की सी होती है. यह रेखा जिस व्यक्ति के हाथ में होती है, उसे आम तौर पर बहुत संवेदनशील समझा जाता है। ऐसे लोगों को भीड़ में रहना पसंद नहीं होता।

प्रेम रेखा –

दोस्तों, यह रेखा सबसे छोटी उंगली के नीचे होती है। खास बात यह है कि यह रेखा किसी व्यक्ति के हाथ में एक या एक से अधिक भी हो सकती हैं। यदि यह रेखाएं गहरी और लम्बी होती हैं, तो इसका मतलब ये है कि व्यक्ति रिश्ते को अहमियत देता है। लेकिन यदि यह लाइन छोटी और हल्की हो तो इसका मतलब यह है कि व्यक्ति शादी बहुत अधिक दिन तक नहीं चला पाएगा।

सिमियन रेखा –

आपको जानकर हैरानी होगी कि यह रेखा बहुत कम इंसानों के हाथ में होती है। जिस व्यक्ति के हाथ में यह रेखा होती है, वह अक्सर जिद्दी किस्म का होता है। ऐसे लोग या तो केवल अपने दिल की सुनते हैं या फिर अपने दिमाग की। ऐसे व्यक्ति आम तौर पर बहुत अधिक तनाव में रहते हैं। और बातों को व्यक्तिगत तौर पर बहुत अधिक सीरियसली लेते हैं। साथ ही, अन्य लोगों को भी तनाव में रखते हैं।

रिंग ऑफ सोलोमन –

साथियों, यह रेखा तर्जनी के नीचे होती है। इस रिंग को बृहस्पति रिंग भी कहा जाता है। यह रेखा जिस व्यक्ति के हाथ में होती है। उसमें लीडरशिप की जबरदस्त क्वालिटी होती है। वह अक्सर किसी विशेष पद पर होता है। ऐसे लोग काफी समझदार होते हैं। इनमें दार्शनिक प्रवृत्ति खास तौर पर पाई जाती है।

बच्चों की रेखाएं –

बच्चों की रेखाएं अमूमन किसी व्यक्ति के हाथ की सबसे छोटी उंगली के नीचे होती हैं। इनसे यह पता चलता है कि कोई व्यक्ति अपने बच्चों के प्रति कितना अधिक संवेदनशील होगा। इन रेखाओं की सहायता से आने वाले बच्चे के स्वास्थ्य का भी पता चलता है.

हस्तरेखाओं में तीन सबसे प्रमुख रेखाएं कौन सी हैं?

मित्रों, आपको बता दें कि किसी भी व्यक्ति के हाथ में तीन सबसे प्रमुख रेखाएं होती हैं। यह रेखाएं हैं- जीवन रेखा (life iine), ह्रदय रेखा (heart line) और मस्तिष्क या सर रेखा (head line) हैं। इन्हीं तीन मुख्य रेखाओं की सहायता से किसी व्यक्ति के जीवन से जुड़ी कई तरह की जानकारियां प्राप्त होती हैं। आइए, अब हम आपको. इन तीनों रेखाओं के संबंध में विस्तार से बताते हैं-

1. जीवन रेखा (life line)

जीवन रेखा किसी भी व्यक्ति के हाथ में तर्जनी और अंगूठे के बीच से शुरू होती है। यह अंगूठे के आधार तक जाती है। यदि जीवन रेखा लंबी होती है तो इसका मतलब यह होता है कि व्यक्ति का स्वास्थ जीवन भर बेहतर रहेगा। यदि यह रेखा छोटी हो तो इसका अर्थ है कि व्यक्ति को स्वास्थ से जुड़ी परेशानियां रहेंगी। यदि यह रेखा किसी व्यक्ति के हाथ में गहरी हो तो इसका अर्थ है कि व्यक्ति का जीवन आसान रहेगा। लेकिन यदि यह रेखा हल्की हो तो इसका अर्थ है कि व्यक्ति के जीवन में बहुत कम रोमांच है। साथियों, यदि किसी व्यक्ति के हाथ में दो या तीन जीवन रेखाएं एक साथ होती हैं तो व्यक्ति के आस पास सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रहता है।

2. हृदय रेखा (heart line)

मित्रों, आपको बता दें कि यह रेखा तर्जनी से सबसे छोटी उंगली के बीच तक होती है। यदि किसी व्यक्ति की ह्रदय रेखा लम्बी होती है तो माना जाता है कि वह व्यक्ति खुले हृदय का है। यदि यह रेखा बहुत अधिक लंबी हो तो ऐसे में माना जाता है कि व्यक्ति अपने जीवन साथी पर बहुत निर्भर करने वाला है। यदि यह रेखा छोटी होती है तो माना जाता है कि व्यक्ति बेहद आत्म केंद्रित यानि केवल अपने पर ध्यान देने वाला होता है। और यदि यह रेखा सीधी और छोटी है तो इसका अर्थ यह माना जाता है कि व्यक्ति रोमांटिक स्वभाव का नहीं है।

3. मस्तिष्क रेखा (head line)

साथियों, आपको बता दें कि यह रेखा तर्जनी और अंगूठे के बीच से शुरू होकर कानी उंगली के नीचे की तरफ जाती है। यदि यह रेखा साधारण रूप से है तो व्यक्ति अच्छी याददाश्त वाला होता है। साथ ही व्यक्ति किसी कार्य को करने से पहले उसके विषय में बार बार सोचता है। यदि यह लकीर बहुत अधिक लंबी हो यानी कि हथेली के दोनों किनारों तक पहुँच गई हो, तो व्यक्ति बहुत सफल और साहसी होता है। ऐसे व्यक्ति अमुमन स्वार्थी भी होते हैैं। यदि यह रेखा लंबी और सीधी हो तो व्यक्ति बहुत उलझे व्यक्तित्व का होता है। यदि यह लकीर कर्व आकार की हो तो व्यक्ति रचनात्मक होता है। ऐसे व्यक्ति किसी भी नए विचार को बड़ी सरलता से ग्रहण करते हैं।

हस्तरेखा ज्ञान में उंगलियों का महत्व और प्रकार –

दोस्तों, आइए, अब आपको बता दें कि हस्तरेखा में उंगलियों का क्या महत्व है। दरअसल, किसी भी व्यक्ति के हाथ के गंभीरता से अध्ययन के जरिए उस व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में आसानी से बताया जा सकता है। यह आंकलन व्यक्ति की उंगलियों के बारे में आसानी से किया जा सकता है। किसी की उंगलियां छोटी-बड़ी, मोटी-पतली, टेढ़ी-मेढ़ी आदि कई प्रकार की हो सकती हैं। आइए आपको बताएं, इनसे जुड़ी कुछ खास बातें-

  • एक उंगली तीन भागों में बंटी होती है। इन भागों को पोर कहते हैं।
  • पहली उंगली को तर्जनी, दूसरी को मध्यमा, तीसरी को अनामिका, जबकि चौथी उंगली को कनिष्ठा कहा जाता है।
  • उंगलियां क्रमशः बृहस्पति, शनि, सूर्य तथा बुध के पर्वतों पर आधारित होती हैं।
  • यदि उंगलियों का आगे का हिस्सा नुकीला हो और उंगुलियों में गांठ दिखाई न दे तो व्यक्ति कला और साहित्य का प्रेमी तथा धार्मिक विचारों वाला होता है।
  • अधिक लंबी उंगलियों वाला व्यक्ति दूसरे के काम में अधिक हस्तक्षेप करता है।
  • जिस व्यक्ति की उंगलियां लम्बी और पतली होती हैं, वह व्यक्ति चतुर होता है।
  • छोटी उंगलियों वाले व्यक्ति को समझदार माना जाता है।
  • बहुत छोटी उंगलियों वाला व्यक्ति सुस्त, स्वार्थी तथा क्रूर माना जाता है।
  • जिस व्यक्ति की पहली बहुत बड़ी होती है, वह व्यक्ति लोगों पर अपनी बातें थोपने वाला होता है।
  • यदि उंगलियों को मिलाने पर तर्जनी और मध्यमा के बीच छेद बने तो व्यक्ति को 35 वर्ष की उम्र तक धन की कमी रहती है।
  • यदि मध्यमा और अनामिका के बीच छेद हो तो व्यक्ति को जीवन के बीच के सालों में धन की कमी रहती है।
  • अनामिका और कनिष्का के बीच छेद बने तो बुढ़ापे में निर्धनता बनी रहती है।
  • जिस व्यक्ति की कनिष्ठा उंगली छोटी तथा टेढ़ी-मेढ़ी हो तो ऐसा व्यक्ति जल्दबाज तथा बेईमान होता है।

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