स योजना के तहत शादी के लिए अनुदान दिया जाता है। यह अनुदान गरीब परिवारों की कन्याओं को शादी के लिए दिया जाता है। यह योजना अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की मदद के लिए चलाई गई है। इस योजना के तहत गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले यानी बीपीएल परिवारों को प्राथमिकता दी जाती है।
योजना के दायरे में सामान्य वर्ग के निर्धनों को भी शामिल किया गया है। आपको बता दें कि अनुदान परिवार की दो लड़कियों की शादी के लिए दिया जाता है और अनुदान के रूप में ₹50,000 की राशि प्रदान की जाती है। सामान्य रूप से देखें तो विवाह के परिप्रेक्ष्य में यह राशि अच्छी खासी बैठती है।
उत्तराखंड शादी अनुदान योजना के तहत लाभ लेने को आवश्यक दस्तावेज
दोस्तों, आइए अब आपको बताते हैं कि आप उत्तराखंड शादी अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए आपको किन किन दस्तावेज की आवश्यकता होगी। यह इस प्रकार से हैं-
- शादी का पंजीकरण प्रमाण पत्र।
- आवेदक का तहसील से जारी जाति प्रमाण पत्र।
- आवेदक का तहसील से जारी आय प्रमाण पत्र।
- एंव आवेदक का आधार कार्ड।
- आवेदक यदि विधवा है और पेंशन पा रही है तो पेंशन क्रमांक और जारी होने की तिथि।
- आवेदक की बैंक खाता संख्या, आईएफएससी कोड और पृथम पृष्ठ की प्रति।
- साथ ही आवेदक का मोबाइल नंबर।
- कन्या एवं वर का नाम।
- कन्या एवं वर का जन्म तिथि प्रमाण पत्र।
- वर एवं उसके माता-पिता का नाम।
- वर का स्थायी एवं स्थानीय पता (मोहल्ला, गांव, ब्लाक, तहसील, जनपद आदि)।
- साथ ही वर एवं उसके पिता का मोबाइल नंबर।
- वर/वधु के पिता के परिवार रजिस्टर की प्रकृति
- आवेदक का शपथ पत्र कि एक से अधिक पुत्री के विवाह को अनुदान नहीं लिया है।
- बीपीएल श्रेणी लागू हो तो संबंधित प्रमाण पत्र।
- शपथ पत्र।
उत्तराखंड शादी अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता
लाभार्थी उत्तराखंड शादी अनुदान योजना का लाभ भी यूं ही नहीं उठा सकेंगे, बल्कि इसके लिए राज्य सरकार की ओर से कुछ पात्रता निर्धारित की गई है, जो कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी पूरी करनी होंगी। यह पात्रता इस प्रकार से है-
- लाभार्थी इस शादी अनुदान योजना के तहत केवल दो ही बेटियों के लिए योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे।
- शहरी क्षेत्र में आवेदक की सालाना आय 56 हजार, ग्रामीण क्षेत्र के आवेदक की वार्षिक आय 46 हजार से अधिक न हो।
- आवेदक अनुसूचित जाति/जनजाति या फिर सामान्य श्रेणी के गरीब परिवार से ताल्लुक रखता हो।
- शादी के वक्त कन्या की आयु 18 वर्ष से कम न हो। साथ ही वर की आयु भी न्यूनतम 21 साल हो।
- शादी का पंजीकरण अवश्य कराया गया हो। पहले केवल शादी के निमंत्रण पत्र की असल प्रति अनिवार्य थी। अब पंजीकरण प्रमाण भी आवश्यक है।
- उसी वर्ष आवेदन (1 मार्च से अगले वर्ष 28-29 फरवरी के विवाह) के आवेदन ही उस वर्ष मान्य होते हैं।
उत्तराखंड शादी अनुदान योजना ऑफलाइन आवेदन कैसे करें?
यदि आप यह फार्म आफलाइन भरना चाहते हैं तो यह प्रक्रिया फालो करें-
- सबसे पहले सामाजिक सुरक्षा राज्य पोर्टल https://ssp.uk.gov.in/downloads.aspx पर जाएं। आप यहाँ क्लीक करके डायरेक्ट जा सकतें हैं।
- आपके सामने होम पेज खुल जाएगा। इसके बाद नागरिक सेवाएं के सेक्शन में शादी अनुदान योजना के विकल्प पर क्लिक करें। क्लिक करते ही आपके सामने फार्म खुल जाएगा।
- आप यहाँ क्लीक करके डायरेक्ट शादी अनुदान फॉर्म डाउनलोड Uttarakhand कर सकतें हैं।
- अब इस फार्म को डाउनलोड कर इसका प्रिंट ले लें। इसके बाद उसमें पूछी गई पूरी जानकारी को सही सही भर दें।
- इस पर निर्धारित जगह पर पासपोर्ट साइज फोटो लगाने के बाद सारे आवश्यक दस्तावेजों की प्रति अटैच कर दें।
- समाज कल्याण विभाग में जाकर इस फार्म को जमा कर दें।
जिस साल में शादी केवल उसी साल में मिलेगा योजना का लाभ
दोस्तों, आपको बता दें कि उत्तराखंड शादी अनुदान योजना का लाभ केवल उसी साल में लिया जा सकेगा, जिस साल में वर वधु विवाह संपन्न हुआ हो। साल का मतलब वित्तीय वर्ष से है। यानी इसकी गणना एक अप्रैल से 31 मार्च तक की जाएगी। इसका अर्थ यह है कि आप ऐसा नहीं कर सकते कि 2019 में शादी हो और आप अनुदान प्राप्त करने के लिए 2020 में आवेदन करें।
बहुत सारे लोगों का आवेदन इस वजह से निरस्त हो जाता है, क्योंकि वह निर्धारित समय के भीतर आवेदन नहीं करते। या फिर वह फार्म में पूछी गई जानकारी सही सही नहीं भरते। या फिर आवेदन के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज फार्म के साथ मुहैया नहीं कराते। आपको बता दें कि यदि एक भी आवश्यक दस्तावेज नत्थी करने से आप वंचित रह जाते हैं तो आपका आवेदन निरस्त माना जाएगा।
उत्तराखंड शादी अनुदान योजना के आवेदन नियम में 2019 में बदलाव
उत्तराखंड शादी अनुदान योजना में पिछले साल 2019 में बदलाव किया गया। और योजना का लाभ लेने के लिए शादी का पंजीकरण प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया। इससे पहले केवल शादी का कार्ड जमा करके योजना का लाभ लिया जा सकता था। लेकिन कई तरह की शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने नियम बदलाव का फैसला किया।
दरअसल, कई लोग शादी का फर्जी कार्ड लगाकर योजना का लाभ प्राप्त कर ले रहे थे। केवल वैध लाभार्थी को ही योजना का लाभ मिल सके, योजना में बदलाव का फैसला इसी विचार को ध्यान में रखते हुए किया गया।
कन्या के विवाह में लेन देन का बड़ा दबाव
बेशक दहेज एक अभिशाप है और हमारे देश में दहेज का लेनदेन शारदा एक्ट के तहत निषेध किया गया है, लेकिन समाज में अभी भी इसका चलन बना हुआ है। कन्या के विवाह में लेन देन का बड़ा दबाव रहता है। अभी भी कन्या के विवाह के लिए दान दहेज जुटाना उसके परिवार के लिए मुश्किल कार्य साबित होता है। इसमें उसके परिवार से ज्यादा समाज का दबाव शामिल रहता है। दहेज के सामान के साथ ही वर पक्ष को नगद देने की चलन बड़े पैमाने पर है।
कई जगह तो यह भी है कि पद के लिहाज से दूल्हे के रेट तय होते हैं। बड़े शहरों में धीरे-धीरे यह परंपरा कम होती जा रही है। लेकिन कस्बे और गांव अभी भी इस अभिशाप से जूझ रहे हैं। ऐसे में कई माता-पिता तो कर्ज लेकर पुत्री का विवाह संपन्न कराते हैं। दोस्तों, आपको बता दें कि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में दान दहेज का प्रचलन बेहद कम था, लेकिन अब वहां भी चौकी, थानों में दहेज प्रताड़ना के मामले दर्ज किए जाने लगे हैं। यह बुराई धीरे धीरे पैर फैला रही है, जिसकी वजह से जहां कन्या पक्ष के ऊपर दबाव बढ़ता है तो वहीं कन्या के साथ ससुराल में अच्छा बर्ताव नहीं किया जाता। दोस्तों, इस बात से आप भी जरूर इत्तेफाक रखेंगे कि कानून को न केवल और अधिक सख्त होने की आवश्यकता है, बल्कि कानूनके और अधिक सख्ती से पालन के साथ इस स्थिति से निजात संभव है।
उत्तराखंड शादी अनुदान योजना ऑनलाइन डिटेल्स –
योजना का नाम | उत्तराखंड शादी अनुदान योजना |
राज्य | उत्तराखंड |
लाभार्थी | प्रदेश के गरीब नागरिक |
योजना का लाभ | गरीबी रेखा से नीचे एपीएल, बीपीएल परिवार की लड़कियों को |
सहायता राशि | एकमुश्त 50,000 रुपये |
टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर | 1800-180-4094 |
आधिकारिक वेबसाइट | socialwelfare.uk.gov.in |
संबंधित विभाग | समाज कल्याण विभाग |
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