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सरकार की नई योजना ई-नाम ,अब किसानों को होगा दोगुना मुनाफा | E-NAM PORTAL | E-NAM SCHEME । राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना (ई-नाम मंडी / E-NAM MANDI ) / NATIONAL AGRICULTURE MARKET

ई-नाम पोर्टल / E-NAM Portal एक राष्ट्रीय कृषि बाजार है जो ऑनलाइन फसलों की बिकवाली का काम करता है । खरीदार और बेचने के लिए किसान अपने आप को खुद से ऑनलाइन रजिस्टर कर सकते हैं और अपनी फसल के ऊपर एक उचित मूल्य प्राप्त कर सकते हैं । किसानों को उनकी फसल के ऊपर उचित मूल्य दिलवाने के लिए देशभर में कृषि बाजार मंडी की स्थापना की गई है और अब यह राष्ट्रीय कृषि बाजार के रूप में कार्य करता है ।  नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में किसानों की आमदनी को दुगना करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय कृषि बाजार की स्थापना की यह एक ऑनलाइन मंडी है जो किसानों के लिए अभी बहुत अच्छे से कार्य कर रही है देश के ज्यादातर किसान अब इस मंडी ( e-nam mandi ) के साथ जुड़ रहे हैं और अभी करीब पौने दो करोड़ किसान इस मंडी से जुड़ चुके हैं । राष्ट्रीय कृषि बाजार ( ई-नाम मंडी /E-NAM Mandi ) , 2017 में इस मंडी से केवल 17000 किसान ही जुड़े थे जबकि 2018-19 में इसकी संख्या पौने दो करोड़ तक पहुंच चुकी है । किसानों को उनके फसल को बेचने पर एक उचित रकम मिल जाती है जो पूरे देश भर के किसानों के लिए होती है । ई-नाम पोर्टल के फायदे / BENEFITS OF E-NAM

PM Fasal Bima Yojana (PMFBY) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: ऑनलाइन फॉर्म

  ये योजना देश के किसानो के लिए भारतीय कृषि बीमा कम्पनी (LIC) चलाती है PMFBY Yojana में प्राकृतिक आपदाओं के कारण बर्बाद  हुई फसलों का बीमा किसानो को उनके सीधा बैंक अकाउंट में पंहुचा दिया जायेगा  फसल बीमा योजना  के अंतर्गत व  केंद्र सरकार  8800 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है पॉलिसी के अंतर्गत किसानो को खरीफ फसल 2% के लिए रवि की फसल के लिए 1. 5% का भुगतान करते है जिसके अनुसार प्राकृतिक नुकसान जैसे -सूखा बाढ़ ओले के कारण फसल को बहुत हानि होने पर सरकार द्वारा मदद की जाती है |  प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों की फसल को कुदरती आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए आरंभ की गई है। इस समय देश में कहीं भारी बारिश हो रही है तो कहीं सूखा पड़ा हुआ है। जिससे की फसल को काफी भारी नुकसान पहुंच रहा है। यदि फसल को कोई नुकसान होता है तो 72 घंटे में शिकायत स्थानीय कृषि कार्यालय किसान हेल्पलाइन नंबर पर दर्ज करानी होगी। इसके अलावा यह शिकायत क्रॉप इंश्योरेंस ऐप पर भी दर्ज कराई जा सकती है। यदि आपको इस बारे में अन्य जानकारी प्राप्त करनी है तो आप हेल्पलाइन नंबर वन 18001801551 पर संपर्क कर सकते

कृषोन्नति योजना 2020 | Krishonnati Yojana for Farmers [Green Revolution] Hindi हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना : किसानों को एक साथ मिलेगा 11 योजनाओं का लाभ

क्या है छतरी योजना- छतरी योजना यानि हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना में किसानों की आमदनी बढ़ाने वाली 11 योजनाओं का समावेश किया गया है। इससे पहले ये सभी योजनाएं सरकार द्वारा स्वतंत्र रूप से चलाई जाती थी, लेकिन वर्ष 2017-18 में, इन सभी योजनाओं को क्लब करने का फैसला लिया गया। इसके बाद से ये सभी योजनाएं  छतरी योजना- ‘हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना’ के नाम से जाती हैं।  मोदी सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना यानि छतरी योजना को 2020 तक के लिए लागू कर दिया है। अब इस योजना का लाभ किसान वर्ष 2020 तक उठा पाएंगे। सरकार का मानना है कि यह योजना किसानों की आमदनी बढ़ाने में मददगार साबित होगी। छतरी योजना यानी ‘अम्ब्रेला स्कीम’ ‘हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना’  के अंदर 11 योजनाओं को शामिल किया गया है और ये सभी योजनाएं किसानों के विकास और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी करने वाली योजनाएं है। इन 11 योजनाओं को जारी रखने के लिए सरकार को तीन वित्तीय वर्षों के लिए 33,26 9.9 76 करोड़ का बजट रखा है, जो वर्ष 2017-18 से लेकर वर्ष 2019-20 तक के लिए होगा।  राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम

सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम 2020: मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना क्या है, Soil Heath Card

  केंद्र सरकार  Soil Health Card  प्रत्येक 3 साल में किसानों को प्रदान किया जाएगा। कार्ड किसानों को उनके खेतों की गुणवत्ता के अनुरूप प्रदान किया जाएगा जो कि 3 साल के लिए 1 बार प्रदान किया जाएगा। इस स्कीम के अनुसार सरकार का 3 साल के अंदर ही पूरे भारत में लगभग 14 करोड़ किसानों को यह कार्ड जारी (The objective is to issue this card to about 14 crore farmers in India.) करने का उद्देश्य है | इस  मृदा हेल्थ कार्ड  में खेतों के लिए  पोषण/ उर्वरकों के बारे में बताया जाएगा | सॉइल   हेल्थ कार्ड एक रिपोर्ट कार्ड है जिसमे मिट्टी के गुण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी | किसानों को उनके खेतों के अनुसार फसल लगाने का सुझाव दिया जाएगा | मृदा   हेल्थ   कार्ड   पर   उपस्थित   जानकारी मिट्टी की सेहत खेत की उत्पादक क्षमता पोषक तत्व की मौजूदगी एवं पोषक तत्व की कमी पानी की मात्रा यानी नमी अन्य उपस्थित पोषक तत्व खेतों की गुणवत्ता सुधारने हेतु उचित दिशनिर्देश। सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम 2020 कैसे काम करता है  ? सर्वप्रथम अधिकारी आपके खेत की मिट्टी के सेम्पल को इकठ्ठा करेंगे | इसके बाद मिट्टी को परीक्

Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2020 परंपरागत कृषि विकास योजना 2020

पीकेवीवाई योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस योजना का आशय किसानो का स्वास्थ्य और जमीन की गुणवातता को कायम रखना होगा। परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देते हुये किसानो को प्रशिक्षित और सहायता करेगी। इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा किसानो को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार किसानो को इस योजना के तहत परंपरागत तरीको से कृषि करने के लिए प्रोत्साहित करेगी, जिससे उन्हे रसायन मुक्त खेत उपज मिले और साथ ही जमीन की गुणवत्ता को भी सुधारा जा सके।  PKVY Yojna के तहत किसानो को जैविक खेती के लिए सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। वित्तीय अनुदान किसानों को सामूहिक दृष्टिकोण और पीजीएस प्रमाणन प्रणाली के आधार पर प्रदान किया जाएगा। भागीदारी गारेंटी प्रणाली (PGS) के माध्यम से फसलों के आर्गेनिक होने की जाँच की जायेगी। किसानों को जैविक खेती के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए 500 से 1000 हेक्टेअर भूमि पर 20 से 50 किसान सदस्यों का एक समूह बनाना होगा। किसानो के एक समूह को अधिकतम 10 लाख रुपये का वित्तीय अनुदान

क्या है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन: एक आईडी में होगी आपके स्वास्थ्य की हर जानकारी digital health mission डिजिडॉक्टर digidocter link aadhar to digidocter

 स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने एलान किया कि पूरे देश में नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन लेकर आए हर नागरिक के स्वास्थ्य, डॉक्टर का लेखा-जोखा एक एप या वेबसाइट के जरिए संचालित होगा लेकिन नागरिक ये रिकॉर्ड्स व्यक्ति तक ही सीमित रहेंगे। जब एक व्यक्ति अपने रिकॉर्ड दिखाने की अनुमति देगा तभी दूसरा डॉक्टर या व्यक्ति उस नागरिक की सारी जानकारी देख पाएगा। राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन चार पिलर यानि कि स्तंभ पर काम करेगा। हेल्थ आईडी- हर नागरिक को एक यूनिक हेल्थ आईडी दी जाएगी और विकल्प दिया जाएगा कि वो उसे अपने आधार से लिंक करवाए या नहीं। ये आईडी राज्यों, अस्पतालों, पैथालॉजिकल लैब और फार्मा कंपनियों में उपयुक्त होगी। ये आईडी पूरी तरह से स्वैच्छिक तरीके से काम करेगी।  आईडी में नागरिक का जो भी लेखा-जोखा होगा वो, खुद से सरकारी कम्यूनिटी क्लाउड में स्टोर हो जाएगा। ऐसा डाटा को सुरक्षित करने की दृष्टि से किया जाएगा। ये एक तरह से डिजिलॉकर की तरह काम करेगा, जिसमें सभी जरूरी कागज इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में जमा हो जाते हैं। अगर कोई व्यक्ति किसी तरह का कैश ट्रांसफर स्कीम का लाभ उठाना चाहता है तो ही